भारत और न्यूजीलैंड के बीच गुरुवार से आरम्भ हो रहे श्रृंखला के पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम लम्बे अरसे बाद मिस्टर भरोसेमंद राहुल द्रविड़ और वेरी वेरी स्पेशल वी. वी. एस. लक्ष्मण के बगैर उतरेगी. ऐसे में सबकी नजर युवा कंधों पर रहेगी कि मुल्तान के सुल्तान वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर की मौजूदगी में द्रविड़ और लक्ष्मण की कमी को पूरा करने में वे कितना सफल हो पाते हैं.
वहीं दूसरी ओर न्यूजीलैंड की टीम पहली बार भारत में भारत को श्रृंखला हराने के मकसद से उतरेगी. दुनिया के किसी भी देश के लिए भारत दौरा आसान नहीं होता. न्यूजीलैंड के लिए तो और भी, क्योंकि उसने आज तक भारत में खेली गई किसी भी श्रृंखला में जीत हासिल नहीं की है. दोनों देशों के बीच खेले गए टेस्ट मुकाबलों में भारत का ही पलड़ा भारी रहा है.
दोनों देशों के बीच अब तक कुल 50 टेस्ट खेले गए हैं, जिनमें से भारत ने 16 जबकि न्यूजीलैंड ने नौ मैचों में जीत दर्ज की है. दोनों देशों के बीच खेले गए 25 मुकाबले ड्रा रहे हैं.
1955-56 से अब तक भारत और न्यूजीलैंड के बीच कुल 17 टेस्ट श्रृंखलाएं खेली गई. इनमें से नौ में भारत ने जबकि चार में न्यूजीलैंड को जीत मिली. चार श्रृंखलाएं ड्रा समाप्त हुईं. न्यूजीलैंड ने भारत के खिलाफ जो चार श्रृंखलाएं जीती है वे सभी न्यूजीलैंड में ही खेले गए थे.
न्यूजीलैंड टीम ने 1955-56 में पहली बार भारत का दौरा किया था. पांच मैचों की इस श्रृंखला में उसे 0-2 से हार का सामना करना पड़ा था. इस श्रृंखला में गुलाम अहमद भारतीय टीम के कप्तान थे जबकि न्यूजीलैंड के कप्तान हैरी केव थे. इस श्रृंखला का पहला मुकाबला हैदराबाद में ही खेला गया था.
इसके बाद से लगातार कुछ वर्षो के अंतराल पर न्यूजीलैंड टीम ने भारत का दौरा किया लेकिन उसे जीत नसीब नहीं हो सकी. आखिरी बार न्यूजीलैंड ने वर्ष 2010-11 में भारत का दौरा किया. इस दौरान तीन टेस्ट मैच खेले गए जिनमें दो ड्रा रहे और एक भारत की झोली में गया. भारत ने यह श्रृंखला 1-0 से अपने नाम की थी. इस श्रृंखला में द्रविड़, सहवाग, लक्ष्मण, सचिन, गौतम गम्भीर, सुरेश रैना और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी पर भारतीय बल्लेबाजी का दारोमदार था तो गेंदबाजी की कमान हरभजन सिंह, ईशांत शर्मा, शांताकुमारन श्रीसंत और प्रज्ञान ओझा के हाथों में थी.
मौजूदा भारतीय टीम में द्रविड़ और लक्ष्मण के अलावा हरभजन और श्रीसंत टीम में नहीं हैं. लम्बे समय बाद ईशांत की टेस्ट टीम में वापसी हुई है. न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली श्रृंखला में गेंदबाजी में ईशांत का प्रदर्शन शानदार रहा था ऐसे में उनकी वापसी उम्मीदें लेकर भी आई हैं.
मौजूदा टीम में सचिन और सहवाग को छोड़कर कोई और सीनियर खिलाड़ी नहीं है. बदलाव के इस दौर में युवा बल्लेबाज खुद को कितना साबित कर पाते हैं यह उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा. इस श्रृंखला से पहले भारत ने 2011 के दिसम्बर महीने में आस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट खेला था और उसे 0-4 से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था.
इससे पहले इंग्लैंड ने भारत को अपनी ही धरती पर चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 4-0 से पराजित किया था. हालांकि इन दोनों श्रृंखलाओं के बीच वेस्टइंडीज टीम ने भारत का दौरा किया, जिसमें तीन टेस्ट खेले गए थे और भारत ने इसे 2-0 से जीता.