क्रिकेट जगत में ‘भगवान’ जैसी कई बड़ी-बड़ी उपमाओं से सुशोभित मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर 24 अप्रैल को 38 वर्ष के हो गए. सचिन ने अपने इस साल में कई उपलब्धियां हासिल की जिसमें विश्व कप जीतने का उनका सबसे बड़ा सपना भी पूरा हुआ.
सचिन क्रिकेट दुनिया के तमाम रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं और ये रिकॉर्ड हासिल करना अब किसी नए खिलाड़ी के लिए लगभग असंभव नजर आता है. खास बात यह है कि ‘रिकार्डों के बादशाह’ होने के बावजूद सचिन अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं, खुलकर जश्न मनाने के लिए नहीं.
अगर मास्टर ब्लास्टर मैदान पर व्यस्त नहीं होते हैं तो वह अपनी पत्नी अंजलि, दोनों बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर अपना जन्मदिन का केक काटना पसंद करते हैं.
बहरहाल, इस साल ऐसा नहीं होने वाला है क्योंकि उनके जन्मदिन के दिन ही टी-20 लीग में मुंबई और हैदराबाद में मुकाबला होना है. टी-20 लीग के ग्लैमर का जलवा सचिन के जन्मदिन के जश्न में भी निश्चित रूप से दिखेगा जिसमें बालीवुड के सुपरस्टार और कारपोरेट घरानों की बड़ी-बड़ी हस्तियां तेंदुलकर को जन्मदिन की मुबारकबाद देंगे.
सचिन को हालांकि अपने जन्मदिन का तोहफा दो अप्रैल को मुंबई में ही मिल गया था जब भारतीय टीम ने 28 साल बाद विश्व कप खिताब हासिल किया था. विश्व कप की ट्रॉफी को सबसे पहले भले ही भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उठाया हो लेकिन पूरी टीम विश्व कप शुरू होने से पहले ही तेंदुलकर को यह खिताब समर्पित करने की बात कह चुकी थी. इस विश्व कप से पहले, पांच बार सचिन के चमकदार कैरियर में बस एक विश्व कप खिताब की ही कमी थी जो इस साल पूरी हो गई.
सचिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100वां शतक लगाने की दहलीज पर खड़े हैं और उम्मीद की जा सकती है कि आगामी दौरे पर सचिन यह कारनामा भी कर दिखाएंगे.
15 नवंबर 1989 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले सचिन ने गजब की प्रतिभा का दर्शन 1988 में लार्ड हैरिस शील्ड इंटर स्कूल मैच में ही करा दिया था जब उन्होंने अपने दोस्त विनोद कांबली के साथ मिलकर 664 रन की नाबाद साझेदारी की थी.
साल 1989 में कैरियर का पहला दौरा उनके लिए अच्छा नहीं रहा और तेज गेंदबाज वकार यूनिस की बाउंसर तेंदुलकर को लगी और उनकी नाक से खून बहने लगा था लेकिन तेंदुलकर इससे घबराए नहीं और उन्होंने अगले दो दशकों तक दुनिया में हर तरह के मैदानों पर दिग्गज गेंदबाजों को खूब सबक सिखाया. यह क्रम आज भी जारी है.
तेंदुलकर ने अगले साल ओल्ड ट्रैफोल्ड मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट शतक जड़ा और 1991-92 में आस्ट्रेलियाई दौरे पर मुंबई के इस क्रिकेटर ने अपना लोहा मनवाया. उन्होंने सिडनी और पर्थ जैसी विकेटों पर शतक जड़कर सबको हैरान कर दिया. ब्रायन लारा के टेस्ट मैच के सर्वाधिक नाबाद 400 रन और प्रथम श्रेणी के सर्वाधिक 501 नाबाद रन के रिकार्ड को छोड़कर लगभग हर बल्लेबाजी रिकार्ड सचिन के नाम है.
सचिन 177 टेस्ट मैचों में 56.94 के लाजवाब औसत से 14692 रन बना चुके हैं. वनडे क्रिकेट में सचिन 453 मैचों में 18111 रन बनाए हैं जिसमें उनका औसत 45.16 रन हैं.
वनडे क्रिकेट में एकमात्र दोहरा शतक जड़ने का कारनामा भी सचिन ने ही किया है. सचिन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ग्वालियर में नाबाद 200 रन बनाए थे. सचिन हालांकि केवल आईपीएल में ही टी-20 मैच खेलते हुए नजर आते हैं.
सचिन ने एक बार कहा था, ‘उनकी बल्लेबाजी की सबसे बड़ी सराहना उन्हें 1999 में खुद सर डोनाल्ड ब्रैडमैन से मिली थी जब उन्होंने (ब्रैडमैन) ने कहा कि तेंदुलकर के खेलने की शैली उन्हें अपनी शैली का याद दिलाती है.’ सचिन केवल बल्ले से नहीं बल्कि गेंद के भी महारथी हैं. वह टेस्ट में 45 और वनडे में 154 विकेट ले चुके हैं.