पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय रेल की अति दुर्गति हो रही है जिसमें एक तरफ यात्रियों के टिकट आरक्षण में भारी ‘जालसाजी’ फैली हुई है तो दूसरी ओर माल ढुलाई के लिए डेडिकेटिड फ्रेट कारिडोर बनने में देरी से यह लाभ नहीं कमा पा रही है. इससे रेलवे का विकास कार्य ठप पड़ा है.
पूर्व रेल मंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने लोकसभा में वर्ष 2012-13 के लिए रेल की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान कहा कि देश का व्यापारी रेल के जरिए अपने माल को भेजना चाहता है. लेकिन समर्पित माल गाड़ी गलियारा नहीं बनने के कारण माल गाड़ियां अपने गंतव्य स्थान पर बहुत ही देरी से पंहुच पाती हैं. इससे वे अपने माल को सड़क परिवहन के जरिए भेजने को मजबूर हैं.
उन्होंने कहा कि आज रेलवे की इस कमजोरी के कारण देश में 80 प्रतिशत सामान की आवा-जाही सड़क परिवहन से होती है. लालू प्रसाद ने कहा कि रेलवे अगर माल ढुलाई को बेहतर बना ले तो उसे भारी मुनाफा होगा जिससे वह काफी समय से लंबित अपने विकास और आधुनिकीकरण के कार्यक्रमों को पूरा कर सकेगा.
रेलवे की परियोजनाएं को पूरा करने के लिए ‘सार्वजनिक निजी साझेदारी’ को अव्यावहारिक बताते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी के इस दौर में अमेरिका यूरोप से कोई भारतीय रेल में पैसा लगाने नहीं आएगा. इसके लिए रेलवे को अपनी माल ढुलाई व्यवस्था को बेहतर बनाना होगा.
उन्होंने कहा कि हर बात में ‘पीपीपी’ का राग अलापना छोड़ा जाए. रेल यात्रियों को टिकट आरक्षण मिलने में हो रही भारी दुशवारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि इसकी मुख्य वजह बड़े पैमाने पर हो रही ‘जालसाजी’ है. उनके अनुसार अगर रेल मंत्री और उच्च अधिकारी इस ओर गंभीरता से ध्यान दें तो दो मिनट में समस्या हल हो सकती है.