भारत के सफल मुक्केबाजों में से एक एम सुरंजय सिंह (52 किग्रा) का जब ओलंपिक का सपना टूटा तो एकबारगी उनके दिमाग में यह खेल छोड़ने का विचार आया लेकिन पदक वितरण समारोह में राष्ट्रगान सुनने के बाद उन्होंने इसमें बने रहने का फैसला किया.
सुरंजय को लंदन ओलंपिक में जगह बनाने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन यह 26 वर्षीय मुक्केबाज क्वालीफाईंग में दोनों अवसरों पर चूक गया. वह दोनों बार एक ही प्रतिद्वंद्वी से पराजित हुआ.
लंदन ओलंपिक से जुड़े कार्यक्रम से इतर इस मुक्केबाज ने कहा, ‘जब मैं एशियाई क्वालीफायर में पराजित हुआ तो काफी निराश था. मैं संन्यास लेने के बारे में सोच रहा था क्योंकि लगातार तीसरी बार मैं ओलंपिक में जगह बनाने से चूक गया था.’
सुरंजय ने स्वर्ण पदक विजेता शिव थापा (56 किग्रा) और सुमित सांगवान (81 किग्रा) के पदक वितरण समारोह को याद करते हुए कहा, ‘एशियाई क्वालीफायर्स में पदक वितरण समारोह के दौरान मैं राष्ट्रगान सुन रहा था. मैं काफी निराश था क्योंकि जब पदक वितरण समारोह होता है मैं अमूमन पोडियम पर होता हूं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं निराश था लेकिन मैंने तुरंत ही बाहर आकर राष्ट्रगान सुना और उसी समय फैसला किया कि मुझे अभी अगले मौके की तलाश में रहना चाहिए.मैं इस बार ओलंपिक में भाग नहीं ले पाउंगा लेकिन निश्चित तौर पर अगले साल विश्व चैंपियनशिप में खेलूंगा. मैं वहां जाउंगा और उसी के बाद कोई फैसला करूंगा.’