आईबी के पूर्व निदेशक अजित डोभाल ने कहा है कि देश की बाहरी और अंदुरूनी समस्याओं से निपटने के लिए सरकार को और ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
अजित डोभाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में साल 1990 तक आतंकवाद की समस्या नहीं थी. हालांकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर की समस्या पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
अजित डोभाल आतंरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के बारे में अपनी राय जाहिर कर रहे थे. उन्होंने कहा कि तथ्यों पर गौर करने से पता चलता है कि पूरे देश में वास्तविक एकता का लक्ष्य हासिल किया जाना अभी बाकी है. इसके लिए शुरुआत करने की जरूरत है.
अजित डोभाल ने कहा कि आज देश में आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है. पड़ोसी देशों की ओर से खतरे की ओर ध्यान दिलाते हुए डोभाल ने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान से कई आतंकी समूह काम कर रहे हैं. इससे भारत को नुकसान हो सकता है.
आईबी के पूर्व निदेशक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद आतंरिक मामला नहीं है, फिर भी अगर इस तरह की घटना भारत में घटती है, तो यह आंतरिक मामला ही है.
डोभाल ने कहा कि पंजाब में भी आतंकवाद था, पर यह अब वहां नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को केंद्र सरकार को इन समस्याओं पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए और इसके लिए जरूरी साजो-सामान उपलब्ध कराना चाहिए.
अजित डोभाल ने कहा कि सुरक्षा राज्यों की बुनियादी जरूरत है. उन्होंने कहा कि नक्सलियों की हर मांग पूरी नहीं की जा सकती है. सरकार की भी कुछ सीमाएं है. उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की कि सियासी चक्की में आम नागरिक भी पिसने को मजबूर हैं.