विभिन्न मुद्दों को लेकर घटक दलों की ओर से कड़े विरोध का सामना कर रहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि गठबंधन की मजबूरियों के चलते मुश्किल फैसले ‘और मुश्किल’ हो जाते हैं. उन्होंने इसके साथ ही राष्ट्रहित में संकीर्ण राजनीति से ऊपर उठने पर भी जोर दिया.
मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) की कड़ी वकालत करते हुए कहा कि आतंकवाद से मुकाबले में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि राज्यों से पूर्ण विचार विमर्श के बिना कोई भावी कार्रवाई नहीं की जाएगी.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सिंह ने लोकसभा में एनसीटीसी के विरोध का जिक्र किया और श्रीलंका के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का समर्थन करने की तमिल दलों की मांग के संदर्भ में कहा कि यदि प्रस्ताव ‘समानता, गरिमा, न्याय और आत्मसम्मान पर आधारित’ तमिलों के भविष्य के संबंध में अपने ‘मकसद’ को पूरा करता है, तो भारत इसका समर्थन करने का ‘इच्छुक’ है.
आर्थिक क्षेत्र में भी उन्होंने मुश्किल हालात का जिक्र किया और वृद्धि दर को आगे बढ़ाने के लिए सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता जतायी.
उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि सदस्य इस बात को समझेंगे कि लिए जाने वाले मुश्किल फैसले इस सचाई के साथ और मुश्किल हो जाते हैं कि हमारी एक गठबंधन सरकार है...हमें सर्वसम्मति की जरूरत होती है.’