दिनेश त्रिवेदी के मसले पर लोकसभा में जोरदार हंगामा. सुषमा स्वराज ने कहा कि देश में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है और पता ही नहीं चल रहा कि रेल मंत्री कौन है. इसलिए सरकार स्पष्ट करे कि रेल मंत्री है कौन.
लोकसभा में प्रणब मुखर्जी ने कहा कि रेल मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है और इस बारे में ममता ने पीएम से बात की है. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस यूपीए की एक महत्वपूर्ण सहयोगी है और गठबंधन में साथियों से बात करनी होती है. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इस पर कहा कि देश में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है और पता ही नहीं चल रहा कि रेल मंत्री कौन है. इसलिए सरकार त्रिवेदी पर स्थिति स्पष्ट करे.
संसद में शरद यादव ने कहा कि यह पता ही नहीं चल रहा कि आखिर सरकार चल कैसे रही है. वहीं लेफ्ट ने भी सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की. सीपीआई ने कहा, जनता को लग रहा है सरकार कमजोर है. तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि त्रिवेदी का मामला ममता और उनकी पार्टी का मामला है और पार्टी ने त्रिवेदी को कभी इस्तीफा देने को नहीं कहा है.
बाद में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बताया कि रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने इस्तीफा नहीं दिया है लेकिन तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी की ओर से प्रधानमंत्री को एक संदेश मिला है जिस पर सक्रिय विचार हो रहा है.
विपक्ष द्वारा रेल मंत्री को लेकर स्थिति स्पष्ट किये जाने की मांग पर सदन के नेता ने कहा, ‘विपक्ष के सदस्यों ने रेल मंत्री के बारे में कुछ बातें उठायी हैं, मुझे यह कहना है कि रेल मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है. इस मामले में जब कोई उपयुक्त कदम उठाया जायेगा, तब सदन को सूचित किया जायेगा.’
विपक्ष खासतौर पर भाजपा के सदस्यों को नेताओं जैसा आचरण करने की नसीहत देते हुए प्रणब ने कहा कि विपक्षी सदस्यों को बचकाना व्यवहार नहीं करना चाहिए जिन्होंने छह साल सबसे खराब तरीके से गठबंधन सरकार चलायी. वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमें प्रधानमंत्री को संबोधित तृणमूल कांग्रेस प्रमुख का केवल एक संदेश प्राप्त हुआ है और सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं किया है.’
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि देश संवैधानिक संकट के दौर से गुजर रहा है. रेल बजट पेश करने के कुछ ही घंटे बाद रेल मंत्री के इस्तीफे की खबर आती है. एक अन्य मंत्री (हरीश रावत) इस्तीफा देकर कोपभवन में बैठे हैं. सरकार बताये कि अभी दिनेश त्रिवेदी रेल मंत्री हैं या नहीं. बुधवार को पेश रेल बजट जिंदा है या नहीं?
प्रणब ने कहा कि रेल मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है. रेल बजट के लिए प्रधानमंत्री की मंजूरी की जरूरी नहीं होती, कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं होती. इसे वित्त मंत्री की मंजूरी प्राप्त होती है. ‘वित्त मंत्री के रूप में मैं रेल बजट की जिम्मेदारी लेता हूं. अब यह संसद की सम्पत्ति है और सदन को इस पर विचार करना है.’ सुषमा ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा था कि रेल बजट की जिम्मेदारी किसकी है.
तृणमूल कांग्रेस के संसदीय पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस ने कभी भी दिनेश त्रिवेदी को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा. यह एक ऐसा विषय है जिसे तृणमूल नेता और प्रधानमंत्री के बीच सुलझाया जाना चाहिए. पार्टी की नेता और प्रधानमंत्री इस विषय को सुलझायेंगे.’ तृणमूल नेता ने कहा, ‘संप्रग-2 पूरी तरह से स्थिर है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी.’ जद यू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि लोकतंत्र में पारदर्शिता और खुलापन जरूरी होता है. साझा सरकार की संस्कृति को कैसे आगे बढ़ाया जाए, यह तय किया जाना चाहिए.
शरद ने कहा कि सरकार चले तो इकबाल से चले, इस तरह के खींचतान ठीक नहीं है. माकपा के वासुदेव आचार्य ने कहा कि स्थिति काफी गंभीर है जब रेल बजट पेश करने के बाद रेल मंत्री को इस्तीफा देने के लिए कहा जाता है. सरकार में शामिल मंत्री अपनी पार्टी के मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद परिसर में धरना पर बैठते हैं. प्रधानमंत्री को इस विषय पर स्थिति स्पष्ट करना चाहिए.
भाकपा के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा, ‘हम भी तृणमूल कांग्रेस के रेल यात्री किराये में वृद्धि को वापस लेने की मांग का समर्थन करते हैं. रेल यात्री किराये में वृद्धि को वापस लिया जाना चाहिए. लेकिन यहां सवाल कैबिनेट की सामूहिक जिम्मेदारी का है, इसका उल्लंघन किया गया है.’ उन्होंने कहा कि यह सरकार कमजोर है, इससे पहले कभी रेल बजट के बाद रेल मंत्री से इस्तीफा देने को नहीं कहा गया और न ही सरकार के मंत्री कभी धरना पर बैठे.