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यूपी चुनाव: अंतिम चरण में 62 फीसदी मतदान

उत्तर प्रदेश की 16वीं विधानसभा चुनाव के सातवें तथा अंतिम चरण के लिये राज्य की ‘मुस्लिम पट्टी’ कहे जाने वाले 10 जिलों की 60 सीटों पर शांतिपूर्ण ढंग से औसतन 62.04 प्रतिशत मतदान हुआ.

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उत्तर प्रदेश की 16वीं विधानसभा चुनाव के सातवें तथा अंतिम चरण के लिये राज्य की ‘मुस्लिम पट्टी’ कहे जाने वाले 10 जिलों की 60 सीटों पर शांतिपूर्ण ढंग से औसतन 62.04 प्रतिशत मतदान हुआ.

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राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी उमेश सिन्हा ने बताया कि सातवें तथा आखिरी चरण के चुनाव में प्रदेश के बिजनौर, मुरादाबाद, भीमनगर, रामपुर, ज्योतिबाफुलेनगर, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर तथा लखीमपुर खीरी जिलों की कुल 60 विधानसभा सीटों के लिये एक करोड़ 82 लाख मतदाताओं में से 62.04 फीसदी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

उन्होंने बताया कि राज्य विधानसभा के सातों चरणों के चुनाव का औसत मत प्रतिशत 59.16 रहा जो प्रदेश के चुनावी इतिहास में सर्वाधिक है. इसके पूर्व वर्ष 1993 में सूबे में सबसे ज्यादा 57.13 प्रतिशत वोट पड़े थे. वर्ष 2007 में 46 प्रतिशत से कुछ अधिक मतदान हुआ था, और 16वीं विधानसभा के चुनाव में पिछली बार की अपेक्षा लगभग 28 प्रतिशत ज्यादा मत पड़े हैं.

सिन्हा ने बताया कि मतदान शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया. कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली. आठ स्थानों पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी की शिकायतें मिलीं मगर उन्हें फौरन बदल दिया गया. सिन्हा ने बताया कि ज्योतिबाफुलेनगर में सबसे ज्यादा 67.25 फीसदी मतदान हुआ.

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इसके अलावा पीलीभीत में 65.88 फीसदी, लखीमपुर खीरी में 62.73 प्रतिशत, बिजनौर में 62 फीसदी, मुरादाबाद में 61.83 फीसदी, शाहजहांपुर, भीमनगर, तथा बरेली में 61-61 प्रतिशत, रामपुर में 60.40 फीसदी तथा बदायूं में 59.17 प्रतिशत मतदान हुआ.

उन्होंने बताया कि शुरुआती छह चरणों में वोट डालने के मामले में महिलाओं ने पुरुषों से बाजी मार ली है. राज्य के चुनावी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है. शुरुआती छह चरणों में महिलाओं का मत प्रतिशत 59.80 रहा जबकि पुरुषों का यह आंकड़ा 57.77 रहा.

सिन्हा ने बताया कि इस बार के चुनाव में कुल 12 करोड़ 73 लाख वोटरों में से सात करोड़ 53 लाख ने मतदान में हिस्सा लिया. गौरतलब है कि वर्ष 2007 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के सातवें तथा अंतिम चरण में इस ‘मुस्लिम बहुल पट्टी’ की कुल 57 सीटों पर मतदान हुआ था जिनमें से बसपा को 27, सपा को 17, भाजपा को नौ, राष्ट्रीय परिवर्तन दल को दो, कांग्रेस तथा अन्य को एक-एक सीट मिली थी.

सातवें दौर में चुनाव से गुजरने वाले जिलों में मुसलमानों की आबादी कुल के 20 से 49 प्रतिशत के बीच है. इस चरण में चुनाव में मुख्यत: सपा का मुस्लिम चेहरा कहे जाने वाली पार्टी महासचिव आजम खां (रामपुर), राज्य सरकार की मंत्री ओमवती (नगीना) और बसपा सांसद एवं क्षेत्रीय समन्वयक जुगुल किशोर के बेटे सौरभ सिंह (कस्ता) तथा बाहुबली विधायक डी. पी. यादव (सहसवान) का चुनावी भाग्य इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में बंद हो गया.

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इसके अलावा आंवला (बरेली) से भाजपा सांसद मेनका गांधी, उनके बेटे तथा पीलीभीत से भाजपा के सांसद वरुण गांधी, लखीमपुर खीरी की धौरहरा सीट से कांग्रेस सांसद केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, मुरादाबाद से कांग्रेस के सांसद पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन के निर्वाचन क्षेत्रों में आने वाली विधानसभा सीटों पर भी मतदान हुआ. इस तरह राज्य के चुनावी दंगल का मुख्य राउंड खत्म हो चुका है और अब सबकी नजरें आगामी छह मार्च को घोषित होने वाले नतीजों पर लगी है.

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