यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होगा, यह सस्पेंस अब पूरी तरह खत्म गया है. प्रधानमंत्री निवास पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद प्रणब मुखर्जी के नाम का औपचारिक ऐलान कर दिया गया है.
प्रणब मुखर्जी ने अपने ताजा बयान में कहा है कि ममता बनर्जी उनकी बहन की तरह हैं और उनकी पार्टी के समर्थन की पूरी उम्मीद है. उन्होंने कहा कि वे ममता बनर्जी से इस बारे में बात करेंगे.
प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए अपनी पार्टी कांग्रेस के प्रति आभार जताया है. उन्होंने सहयोग के लिए सबको 'शुक्रिया' कहा. प्रणब मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी और उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने प्रणब का नाम घोषित होने पर खुशी जाहिर की.
प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि उनके पिता की उम्मीदवारी तय होने के बाद कांग्रेस को किसी तरह की कोई मुश्किल नहीं होगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से परिपक्व पार्टी है, जो हर मुश्किल हालात से निपटने में सक्षम है.
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रणब मुखर्जी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे बेहद कम वक्त में पारित कर दिया गया. बैठक में सोनिया गांधी, पी. चिदंबरम, प्रणब मुखर्जी, शरद पवार, अजित सिंह के अलाव कई अन्य बड़े नेता मौजूद थे. बदलते सियासी हालात के मद्देनजर यह पहले से ही माना जा रहा था कि प्रणब मुखर्जी ही यूपीए के उम्मीदवार होंगे.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सुषमा स्वराज से बात कर यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को बीजेपी का समर्थन देने की मांग की. सुषमा स्वराज ने कहा कि इस बारे में वे विचार करेंगी.
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि यूपीए ने अपने उम्मीदवार की घोषणा से पहले एनडीए से कोई चर्चा नहीं की. उन्होंने कहा कि सरकार सर्वसम्मति बनाने का प्रयास करती, तो अच्छा रहता, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. उन्होंने कहा कि अब एनडीए इस मसले पर अलग से बैठक करेगा.
समाजवादी पार्टी ने भी पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि वह प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का समर्थन करेगी. सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि अगर यूपीए ने पहले ही प्रणब के नाम की घोषणा कर दी होती, तो दुविधा की नौबत नहीं आती.
इस बीच, बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी प्रणब मुखर्जी के नाम का समर्थन करेगी. उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी सबसे योग्य उम्मीदवार हैं.
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा है कि प्रणब मुखर्जी अच्छे राष्ट्रपति साबित होंगे. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने उनके फोन पर बात की थी. इस बातचीत में लालू प्रसाद ने अपना समर्थन यूपीए के उम्मीदवार को देने की बात कही थी.
सीपीएम नेता बृंदा करात ने कहा है कि अभी तो केवल यूपीए के उम्मीदवार की घोषणा हुई है. उनकी पार्टी नाम पर विचार करेगी.
ख़बरों के मुताबिक 24 जून को दादा वित्तमंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे सकते हैं और पवन बंसल प्रणब के लिए चुनाव संयोजक होंगे. सूत्रों की मानें, तो प्रणब मुखर्जी के बाद वित्त मंत्रालय की ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ख़ुद संभालेंगे. सदन के नए नेता के लिए भी तलाश शुरू हो चुकी है. पी. चिदंबरम और सुशील कुमार शिंदे का नाम चर्चा में है.
गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह तक मामला डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी के बीच सिमट गया था, लेकिन समाजवादी पार्टी के रुख़ से बाज़ी पलट चुकी है. समाजवादी पार्टी के सूत्र भी यही कह रहे हैं कि प्रणब मुखर्जी ही रायसीना हिल्स की रेस जीतेंगे.