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भारत से अधिक जुड़ाव चाहती है अमेरिकी सेना

अमेरिका, मध्य पूर्व से प्रशांत तक समुद्री संचार मार्ग में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण भूरणनीतिक स्थान पर स्थित भारत के साथ अधिक गहरा जुड़ाव चाहता है.

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मार्टिन डेम्पसी
मार्टिन डेम्पसी

अमेरिका, मध्य पूर्व से प्रशांत तक समुद्री संचार मार्ग में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण भूरणनीतिक स्थान पर स्थित भारत के साथ अधिक गहरा जुड़ाव चाहता है. यह बात एक शीर्ष अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कही है.

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जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष, जनरल मार्टिन डेम्पसी ने गुरुवार को विदेशी मीडिया से कहा, 'हम कुछ समय से कह रहे हैं कि हम भारत के साथ एक गहरा रिश्ता और अधिक जुड़ाव चाहते हैं.'

डेम्पसी से जब भारत और पाकिस्तान के साथ अमेरिका के रिश्ते की तुलना करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि वे (भारत) फिलहाल दूसरा स्थान रखते हैं और जल्द ही, आपको पता चलेगा कि, आप जो समझते हैं उस आधार पर, जल्द ही वह दुनिया का सबसे बड़ा देश होगा.'

डेम्पसी ने कहा, 'वह मध्य पूर्व से प्रशांत तक समुद्री संचार मार्ग में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूरणनीतिक स्थान पर है. और वह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. इसलिए, जहां तक मेरी स्मृति जा सकती है, हम काफी समय से उनके साथ गहरा जुड़ाव चाह रहे हैं.'

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डेम्पसी ने कहा कि दूसरी ओर पाकिस्तान के साथ वाशिंगटन का रिश्ता हमेशा चकित करने वाला रहा है और अक्सर निराशाजनक भी. डेम्पसी लगभग 2005 से ही अमेरिका-पाकिस्तान के रिश्ते पर काम कर रहे हैं.

डेम्पसी ने आगे कहा, 'मैं इसमें सात वर्षो से डूबा हुआ हूं, और मैं कहना चाहूंगा कि यह हमारे लिए हमेशा चकित करने वाला रहा है.'

उन्होंने कहा कि एक तरफ उन्होंने कुछ मुद्दों पर सहयोग किया, तो वहीं अपने कबायली इलाके में तालिबान की उपस्थिति जैसे कई अन्य मुद्दों पर सहयोग नहीं कर पाए.

डेम्पसी ने कहा, 'हमने कुछ काम बहुत अच्छे तरीके से किए. हमने अपने कुछ हितों के आधार पर बिना शर्त सहयोग किए, लेकिन वहीं कुछ ऐसे भी मुद्दे हैं जिनपर सहयोग व सहमति बना पाने में हम अक्षम साबित हुए.'

डेम्पसी ने हक्कानी नेटवर्क की ओर खासतौर से इशारा करते हुए कहा, 'संघ शासित कबायली इलाके (एफएटीए) में अफगान तालिबान की उपस्थिति उन मुद्दों में से एक है.'

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