अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से कहा है कि वह उसके इस तर्क को मान्यता दे कि अमेरिकी पोल्ट्री उत्पादों के आयात पर भारतीय प्रतिबंध डब्ल्यूटीओ के प्रति उसके दायित्वों का उल्लंघन है.
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉन किर्क ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका ने विवाद निपटान समिति गठित करने के लिए डब्ल्यूटीओ से यह औपचारिक अनुरोध तब किया है, जब 16-17 अप्रैल को भारत के साथ हुई बातचीत अमेरिकी चिंताओं को दूर करने में विफल साबित हुई.
यद्यपि भारत दावा करता है कि उसने ये कदम एवियन इन्फ्लुएंजा को रोकने के लिहाज से उठाए हैं, लेकिन किर्क का कहना है कि भारतीय नियम मौजूदा विज्ञान, अंतर्राष्ट्रीय दिशानिर्देशों और खुद भारत द्वारा अपने घरेलू उद्योग के लिए स्थापित किए गए मानकों के प्रतिकूल है.
किर्क ने कहा, 'यह जरूरी है कि अमेरिकी किसानों को वह विश्वसनीय बाजार पहुंच सुलभ हो, जिसपर भारत सहमत हुआ है.'
किर्क ने कहा, 'अमेरिका अपने कृषि उद्योग में सुरक्षा के सर्वोच्च मानक रखता है, और उसे भरोसा है कि डब्ल्यूटीओ इससे सहमत होगा कि अमेरिकी आयात पर भारतीय प्रतिबंध गलत हैं.'
भारत का कहना है कि उसके पास उन देशों से आयात पर प्रतिबंध लगाने का पूरा अधिकार है, जहां कम रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंजा के प्रकोप की खबरें होंगी. अमेरिका में 2004 से अबतक एक मात्र यही एवियन इन्फ्लुएंजा पाया गया है.
किर्क ने कहा है, 'लगता है कि भारत ने अप्लीकेशन ऑफ सैनिटी एंड फाइटोसैनिटरी (एसपीएस) मेजर्स पर डब्ल्यूटीओ के समझौते के तहत अपने दायित्वों के विपरीत कार्रवाई की है. उसके कदम अंतर्राष्ट्रीय दिशानिर्देशों या किसी वैधानिक जोखिम आकलन पर आधारित नहीं है. वह यह सुनिश्ति करा पाने में भी विफल रहा है कि उसके कदम अमेरिका जैसे देशों से आयात के खिलाफ अनुचितरूप से भेदभावपूर्ण न हों.'
किर्क के कदम का नेशनल चिकन काउंसिल, नेशनल टर्की फेडरेशन और यूएसए पॉल्ट्री एंड एग एक्सपोर्ट काउंसिल ने स्वागत किया है.