अमेरिका ने कहा है कि वह संयुक्त अरब अमीरात के जल क्षेत्र में अमेरिकी नौसैन्य पोत से चलायी गयी गोली में भारतीय मछुआरे के मारे जाने के मामले की जांच के परिणामों को भारत के साथ पारदर्शिता के साथ साझा करेगा.
इस घटना में जिंदा बचे लोगों ने पेंटागन के इन दावों का विरोध किया है कि उन्हें पहले से ही चेतावनी दी गयी थी.
पेंटागन के प्रेस सचिव जार्ज लिटिल ने जोर देकर कहा कि नौसैन्य पोत ने फारस की खाड़ी में गोली चलाने से पहले मछली पकड़ने वाली नौकाओं को कई चेतावनी जारी की थीं. इस घटना में एक भारतीय मछुआरे की मौत हो गयी जबकि तीन अन्य घायल हुए हैं.
विदेश विभाग के प्रवक्ता पैट्रिक वेंट्रेल ने इस बीच कहा है कि रक्षा विभाग घटना की जांच कर रहा है जिसे पहले ही खेदजनक बताया गया है.
वेंट्रेल ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘निश्चित रूप से हम अपने भारतीय समकक्षों के साथ इस संबंध में मिलकर काम करेंगे और जांच पूरी होने के बाद इसके परिणामों को उनके साथ साझा करने में हरसंभव पारदर्शिता रखेंगे.’
उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कर रहा पेंटागन भारतीय अधिकारियों के संपर्क में रहेगा.
यह सोमवार की घटना है जब एक मछली पकड़ने की नौका पर अमेरिकी नौसैन्य पोत पर सवार सुरक्षा दल ने गोलीबारी की. नौका पर चार भारतीय और दो अमीरात नागरिक थे.
विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने मछुआरे के मारे जाने की घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए कहा है कि मंत्रालय संयुक्त अरब अमीरात में अपने राजदूत एम के लोकेश के संपर्क में है जिन्होंने संयुक्त अरब अमीरात सरकार के साथ इस मसले को उठाया है.
लोकेश ने अपनी तरफ से भी अमेरिकी दावों का विरोध किया है और कहा है कि घटना में जीवित बचे लोगों का बयान अमेरिकी नौसेना द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के विपरीत है.
लोकेश ने दुबई में कहा, ‘जिंदा बचे लोगों के मुताबिक, उन्हें किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी गयी.’
उन्होंने बताया, ‘घटना को लेकर अलग-अलग बयान हैं. हमें विस्तृत जानकारी के सामने आने तक इंतजार करना होगा.’