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6 साल बाद 'घर' वापस लौटी उमा भारती

भाजपा से निष्‍कासित नेता और मध्‍यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती मंगलवार को एक बार फिर पार्टी में शामिल हो गई.

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उत्तर प्रदेश में पार्टी के खोए आधार को पाने की कोशिश में लगी भाजपा में आज उसकी तेज तर्रार नेता रही उमा भारती की वापसी हो गई. प्रदेश विधानसभा का अगले साल चुनाव होना है.

छह साल पहले अनुशासहीनता के लिए पार्टी से निष्कासित उमा भारती की उपस्थिति में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने यहां भाजपा मुख्यालय में उनकी वापसी की घोषणा करते हुए कहा कि ‘उत्तर प्रदेश के पार्टी अभियान में उमाजी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.’ उन्होंने दावा किया कि उमा की वापसी का निर्णय पार्टी के भीतर आम सहमति से किया गया है. उमा के आने से भाजपा को उत्तरप्रदेश में नयी उर्जा मिलेगी.

उमा ने ‘घर वापसी’ पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि वह जहाज़ के ऐसी पक्षी की तरह महसूस कर रही हैं जो उस पर वापस आने के लिए उड़ान भरता है.

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उन्होंने कहा, ‘पार्टी से पांच-छह साल बाहर रहने पर मैंने महसूस किया कि सिर्फ भाजपा ही मेरा किनारा और मेरी मंजिल है. इन छह सालों में मैंने सबसे बड़ा सबक यह सीखा कि राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रवाद के लिए भाजपा का कोई विकल्प नहीं है. भाजपा से पिछले पांच साल बाहर रहने की दिनों को मैं भुला देना चाहती हूं.’

गडकरी ने कहा, ‘उत्तरप्रदेश में मायावती के ‘गुंडाराज’ और मुलायम सिंह के ‘जंगलराज’ की वापसी को रोकने के लिए भाजपा राज्य में उमा को महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में पेश करेगी.’

गडकरी ने कहा, ‘उमाजी लखनउ में स्थित होकर उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रचार एवं प्रभार का काम देखेंगी. उनकी वापसी से उत्तरप्रदेश में भाजपा को ताकत मिलेगी.’ यह पूछे जाने पर कि क्या उमा की वापसी का मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कुछ नेता विरोध कर रहे थे, भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने राज्य के सभी नेताओं एवं अन्य पार्टी पदाधिकारियों से चर्चा की और अब इस मुद्दे पर पार्टी में कोई मतभेद नहीं है.

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि उमा के देश के किसी हिस्से में जाने पर कोई रोक नहीं है लेकिन उनका ध्यान विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश पर रहेगा क्योंकि वहां विधानसभा चुनाव होने हैं और वहीं उनका गंगा अभियान भी चल रहा है.

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वहीं उमा ने कहा, ‘ भाजपा में 16 वर्षों तक रहने के बाद कुछ अप्रिय मुद्दों पर मैं पार्टी से अलग हुई. मैं भाजपा में प्रतिबद्धता को लेकर शामिल हुई और प्रतिबद्धता के कारण ही अलग हुई. लेकिन विचारधारा को कभी नहीं छोड़ा. पार्टी से अलग होने के बाद मैंने महसूस किया कि वैचारिक प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा के अलावा कोई विकल्प नहीं है.’

उन्होंने कहा कि अब उनके मन में भूतकाल की कोई बात नहीं है. उत्तरप्रदेश राम और रोटी तथा मंडल एवं कमंडल का प्रदेश है और उत्तरप्रदेश में राम राज्य स्थापित करने के पार्टी के प्रयास में अपना पूर्ण सहयोग देंगी.

गडकरी ने कहा कि उमा उत्तरप्रदेश में पवित्र गंगा अभियान चला रही हैं, इसके मद्देनजर उन्हें पार्टी के गंगा प्रकोष्ठ का संयोजक भी बनाया गया है.

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