मायावती सरकार पर प्रहार करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को ‘दलाल’ चला रहे है क्योंकि यहां की जनता विभाजित है.
अलीगढ़ की पदयात्रा के तीसरे दिन गांधी ने इस गांव में लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप लोग एक जुट नहीं हैं. उत्तर प्रदेश विभाजित है और इसीलिए दलाल राज्य को चला रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘शायद आपको यह अच्छा न लगे. लेकिन सचाई यही है. आप लोग एकजुट नहीं है इसीलिए यहां यह सब हो रहा है. जब तक आप एक नहीं हो जाते तब तक आपकी मुश्किलों का अंत नहीं होगा. जब तक आप यह नहीं समझते कि क्या हो रहा है तब तक गाड़ी पटरी पर नहीं आएगी.’
कांग्रेस नेता ने जिले के सारोले गांव से सुबह 6.30 बजे पदयात्रा शुरू की और अलीगढ़ जाने वाले रास्ते पर करीब सात किलोमीटर की दूरी तय करते हुए यहां पहुंचे. वहां वह नौ जुलाई को ‘किसान महापंचायत’ को संबोधित करेंगे.’ गांधी ने कहा कि वह किसानों और उत्तर प्रदेश की जनता की स्थिति पर चिंतित होकर दिल्ली से आए हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी पदयात्रा भट्टा पारसौल से शुरू की, जो मायावती सरकार द्वारा किसानों पर की गई कार्रवाई का गवाह बना, जिसमें कई लोग मारे गए.’ राहुल ने कहा, ‘मैं आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहता हूं और आपकी समस्याएं सुनना चाहता हूं.’ उन्होंने किसानों और ग्रामीणों से कहा कि अपनी ही जमीन जबरदस्ती लिए जाने का विरोध करने पर उन पर पुलिस द्वारा गोलियां बरसाई जा रहीं हैं.
गांधी ने कहा, ‘मैं अब तक कई किसानों से मिला हूं और उनमें से एक भी ऐसा नहीं है जो विकास नहीं चाहता हो. सभी किसान राज्य की उन्नति और विकास प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘आपकी जमीन अच्छी है. इसे आपसे जबरदस्ती लिया जा रहा है और वे आपको इसकी सही कीमत भी नहीं दे रहे हैं.’
गांधी ने कहा, ‘किसी जाति विशेष से मेरा कोई लेना देना नहीं है और मैं आपके साथ हूं. मेरे लिए सभी लोग इंसान हैं. मैं उत्तर प्रदेश की जनता और हर व्यक्ति की मदद करना चाहता हूं.’ कांग्रेस शासित पड़ोसी राज्य हरियाणा की भूमि अधिग्रहण नीतियों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘हरियाणा में किसान खुश हैं और वहां उन्हें कोई समस्या नहीं है.’
गांधी ने कहा, ‘यहां की तरह हरियाणा में कोई धरना नहीं हुआ क्योंकि किसानों की जमीन के अधिग्रहण के लिए उन्हें बाजार की कीमत अदा की गई. यहां ऐसा नहीं किया गया.’ उन्होंने कहा कि किसी अन्य राज्य ने इतनी जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जितना उत्तर प्रदेश सरकार ने किया.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘किसी किसान ने नहीं कहा कि हम विकास प्रक्रिया के खिलाफ है, बल्कि हम इस विकास प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहते हैं. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सभी को इस विकास प्रक्रिया में शामिल करें. मैं जहां भी गया, किसान अपनी जमीन देने को तैयार हैं लेकिन अपने अधिकारों के बारे में पूछ रहे हैं.’
उन्होंने दोनों राज्यों की कृषि भूमि अधिग्रहण नीति की तुलना करते हुए कहा, ‘जहां उत्तर प्रदेश के किसानों की जमीन को जबरन लिया गया, वही हरियाणा में किसानों को पर्याप्त मुआवजा, मदद और रोजगार दिया गया.’