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जनरल वीके सिंह अब 'जंग' में पड़े नरम

पिछले कुछ दिनों के अपने कड़े रुख से पटलते हुए सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने कहा है कि कुछ शरारती तत्व उनके और रक्षा मंत्री एके एंटनी के बीच ‘फूट’ दिखाने का प्रयास कर रहे हैं और उन्होंने स्पष्ट किया कि वे देश सेवा के अपने कर्तव्य से बंधे हुए हैं.

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जनरल वीके सिंह
जनरल वीके सिंह

पिछले कुछ दिनों के अपने कड़े रुख से पटलते हुए सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने कहा है कि कुछ शरारती तत्व उनके और रक्षा मंत्री एके एंटनी के बीच ‘फूट’ दिखाने का प्रयास कर रहे हैं और उन्होंने स्पष्ट किया कि वे देश सेवा के अपने कर्तव्य से बंधे हुए हैं.

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अपनी टिप्पणियों और कदमों को लेकर आलोचनाओं का शिकार होने और बर्खास्‍तगी की मांग का सामना कर रहे जनरल वीके सिंह ने एक बयान जारी कर स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया और कहा कि उनके और एंटनी के बीच फूट की खबर ‘असत्य’ है और उस पर ध्यान दिये जाने की जरूरत नहीं है.

उन्होंने कहा कि मीडिया की ओर से हर मुद्दे को सरकार और सेना प्रमुख के बीच संघर्ष के रूप में पेश करना ‘गुमराह करने वाली बात’ है.

पिछले कुछ दिनों से गरमाये माहौल को और ठंडा करने की सेना प्रमुख की कोशिश ऐसे समय आयी है जब महज एक दिन पहले एंटनी ने तीनों अंगों के प्रमुखों पर सरकार का विश्वास व्यक्त किया था.

एंटनी ने उन लोगों को अधिकतम दंड दिलाने की प्रतिबद्धता भी जाहिर की जिनका प्रधानमंत्री को भेजी जनरल सिंह की चिट्ठी के लीक कराने के पीछे हाथ है. इस चिट्ठी में सेना प्रमुख ने रक्षा तैयारी की कमी का जिक्र किया था.

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जनरल सिंह ने बयान जारी कर पत्र लीक को राजद्रोह करार दिया और कहा कि उसके सूत्रधार के साथ कड़ाई से पेश आना चाहिए. उम्र विवाद में कानूनी लड़ाई हार चुके सेना प्रमुख ने हाल ही में यह साक्षात्कार देकर सरकार की परेशानी बढ़ा दी थी कि घटिया सामान का सौदा करने के लिए उन्हें 14 करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश की गयी थी.

प्रधानमंत्री को भेजे गये जनरल के पत्र के लीक होने से दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया था.

जनरल सिंह ने कहा, ‘एक के बाद एक कई लीक हुए हैं और अंतत: माननीय प्रधानमंत्री को भेजी गयी चिट्ठी लीक हुई.’ उन्होंने कहा, ‘हम हर कीमत पर अपने देश की सेवा करने और सेना की संस्थागत निष्ठा की रक्षा के कर्तव्य से बंधे हुए हैं, चाहे हमें कभी कभार आत्म मंथन ही क्यों न करना पड़े.’ उन्होंने कहा कि सेना और सेनाध्यक्ष भी सरकार का ही हिस्सा है.

सेना प्रमुख ने कहा, ‘हमारे समाज में कुछ शरारती तत्व हैं जिन्होंने रक्षा मंत्री और सेनाध्यक्ष के बीच फूट दिखाने में सक्रिय भूमिका निभाई है. यह असत्य है और इसे रोकने की जरूरत है.’

जनरल सिंह ने कहा, ‘हमें अपने तंत्र के अंदर ही ऐसे तत्वों की पहचान कर उन्हें बेनकाब करने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और व्यक्तिगत विचार का सम्मान किया जाए लेकिन इन मुद्दों पर तुच्छ और अनभिज्ञ टिप्पणियों से गंदगी ही फैलती है.

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रिश्वत पर उनके बयान को लेकर उठे विवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रिश्वत मुद्दे ने लोगों का बहुत अधिक ध्यान खींचा है.

सेना प्रमुख ने कहा, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि माननीय रक्षा मंत्री के संज्ञान में मामले को लाये जाने के बाद संस्थागत दृष्टि से उस सेवानिवृत अधिकारी पर चौकस निगाहें रखने के लिए कुछ कदम उठाए गए जिसने रिश्वत की पेशकश की थी.’

उन्होंने कहा, ‘18 महीने बाद यह व्यक्ति इस साल मार्च के प्रारंभ में फिर सामने आया और गुमनाम होकर उसने यह आरोप लगाते हुए छवि धूमिल करने का अभियान शुरू किया कि सेना रक्षा मंत्री की जासूसी कर रही है.’

उन्होंने कहा, ‘एक बार जब संबंधित व्यक्ति को सेना मुख्यालय ने पहचान लिया तब उसकी पहचान और उसकी पूर्ववर्ती बातें सार्वजनिक कर दी गयी.’ इससे पहले जब दिन में दो अवसरों पर कुछ पत्रकारों से जनरल सिंह से टिप्पणियां मांगी तब उन्होंने यह कहते हुए सवालों को टाल दिया था कि उन्होंने कल बयान जारी किया था तथा उन्हें कुछ और नहीं कहना है.

जनरल सिंह ने कहा, ‘मुझे लगता है कि आपलोग बहुत ज्यादा अटकलें लगाते हैं.’

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