मिस्र में अपदस्थ राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के कार्यकाल के अंतिम प्रधानमंत्री अहमद शफीक तथा उनके इस्लामी प्रतिद्वन्द्वी के बीच राष्ट्रपति पद के लिए ‘रन ऑफ’ मतदान होने की चुनाव आयोग की घोषणा के बाद काहिरा में कुछ प्रदर्शनकारियों ने शफीक के प्रचार मुख्यालय में हंगामा किया और फिर आग लगा दी.
मुबारक के दौर की समाप्ति के बाद पिछले दिनों मिस्र में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान हुआ और निर्वाचन आयोग ने कहा था कि किसी भी प्रत्याशी को बहुमत न मिलने की स्थिति में अधिकतम मत पाने वाले दो शीर्ष प्रत्याशियों के बीच जून में मतदान का दूसरा दौर (रन ऑफ) होगा.
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि बीती रात शफीक के खिलाफ नारे लगाते हुए करीब 400 प्रदर्शनकारी तहरीर चौक की ओर से आए और समीपवर्ती डोक्की स्थित उस परिसर में घुस गए जहां शफीक का कार्यालय है.
कार्यालय से प्रदर्शनकारियों ने कंप्यूटर और दस्तावेज उठाए और सड़क पर फेंक दिया. प्रदर्शनकारियों ने शफीक के कार्यालय के एक हिस्से में आग भी लगा दी. इस घटना के कुछ ही घंटे पहले चुनाव आयोग ने घोषणा की थी कि ऐतिहासिक चुनाव में दूसरे दौर का मतदान मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रत्याशी मुहम्मद मुरसी और शफीक के बीच होगा.
पूर्व प्रधानमंत्री शफीक वायु सेना के पूर्व कमांडर भी हैं, शफीक के प्रचार कार्यालय में काम कर रहे एक पदाधिकारी ने बताया कि प्रचार कर्मियों को, आग लगाने से पहले बाहर जाने को कह दिया गया था.
पुलिस ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया और कोई हताहत नहीं हुआ. कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. बाद में शफीक समर्थकों ने कार्यालय के बाहर एकत्र हो कर नारे लगाए, ‘चुनाव बताएंगे कि शफीक राष्ट्रपति हैं.’ पिछले सप्ताह मिस्र के राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में 46 फीसदी मतदान हुआ था.
पराजित हुए दो प्रत्याशियों ने उल्लंघनों का हवाला देते हुए फिर से मतगणना करने की मांग की थी. लेकिन ‘राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उच्चायोग’ ने इंकार कर दिया. आयोग के प्रमुख फारूक सुल्तान ने कहा कि मुरसी और शफीक शीर्ष दो प्रत्याशी हैं जिन्हें पचास पचास लाख से अधिक वोट मिले.