आलोचकों के निशाने पर रही विवादास्पद रोटेशन नीति को लेकर भ्रम तब और बढ़ गया जब वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि वह नहीं जानते कि क्षेत्ररक्षण की क्षमता के कारण ऐसा किया जा रहा है.
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के रोटेशन को लेकर दिये गये कारणों का उपहास उड़ाते हुए सहवाग ने कहा कि उन्हें या किसी भी अन्य सीनियर खिलाड़ी से कभी यह नहीं कहा गया कि ‘धीमा क्षेत्ररक्षण’ कोई मसला है. सहवाग ने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि उन्होंने (धोनी) क्या कहा और मीडिया में क्या चल रहा है.
उन्होंने हमसे कहा कि वह अगले विश्व कप को ध्यान में रखकर युवा खिलाड़ियों को यहां खेलने का मौका देना चाहते हैं. हमें तो यही बताया गया.’
धोनी ने त्रिकोणीय श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी हार के बाद कहा कि तीनों सीनियर सलामी बल्लेबाजों सहवाग, सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर को एक साथ टीम में इसलिए नहीं लिया जा रहा है क्योंकि वे धीमे हैं और टीम को उनके कारण कम से कम 20 रन का नुकसान हो सकता है.
सहवाग ने इस पर कहा, ‘क्या आपने मेरा कैच देखा. हम पिछले दस साल से इसी तरह से क्षेत्ररक्षण कर रहे हैं.'
सहवाग से जब फिर पूछा गया कि आखिर क्या कारण हो सकता है जो धोनी ने कहा कि सीनियर के कारण टीम को 20 रन का नुकसान हो रहा है.
उन्होंने कहा, ‘आपको फिर से धोनी से पूछना चाहिए. उसने हमें यही कहा कि जिन युवा खिलाड़ियों की यहां विश्व कप में खेलने की संभावना है वे उन्हें मौका देना चाहते हैं. हमें सिर्फ यही बताया गया.’
सहवाग से जब पूछा गया कि क्या वह धोनी के साथ बात करके इस पर स्थिति स्पष्ट करना चाहेंगे, उन्होंने कहा, ‘मुझे उनसे बात क्यों करनी चाहिए. वह कप्तान है. यदि उसे और कोच को लगता है कि उन्हें शीर्ष क्रम को विश्राम देने की जरूरत है तो मुझे इसमें कोई दिक्कत नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं सभी मैचों के लिये उपलब्ध हूं. यह कप्तान और कोच पर निर्भर करता है कि वे किन 11 खिलाड़ियों का चयन करते हैं. यदि वे मुझे बताते हैं कि वे युवाओं का मौका देना चाहते हैं और हमें विश्राम करना चाहिए तो मैं इससे खुश हूं.’
सहवाग ने हालांकि टीम में किसी तरह के मतभेद की बातों का खंडन किया. उन्होंने कहा, ‘हम एक इकाई हैं. हम खुश हैं. धोनी कप्तान है, वह जो भी चाहेगा वह कह सकता है. वह मीडिया से बात करता है और पिछले दो साल से ऐसा कर रहा है और हमें इससे कोई परेशानी नहीं है.’
श्रीलंका के खिलाफ भारत आज 51 रन से हार गया. इसके लिये उन्होंने गेंदबाजों के बजाय बल्लेबाजों को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा, ‘अगले दो मैच में हमे हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी और हमें शॉट के चयन पर गौर करना होगा. यह 50 ओवर तक खेलने का सवाल है. यदि वे (रैना और कोहली) 45वें ओवर तक बल्लेबाजी कर देते तो फिर मैच की कहानी अलग होती. किसी ने भी आखिर तक टिके रहने की कोशिश नहीं की.’