राष्ट्रपति चुनाव पर जारी घमासान के बीच समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि कांग्रेस हमें मर्यादा न सिखाए. रामगोपाल यादव ने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव पर समाजवादी पार्टी से कोई बातचीत नहीं की है.
रामगोपाल यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर मनमोहन सिंह का नाम किसी निचले पद के लिए लिया जाता, तब तो मर्यादा का उल्लंघन होने की बात समझ में आती है, लेकिन देश के सर्वोच्च पद के लिए अगर उनका नाम लिया जा रहा है, तो कैसे मर्यादा का उल्लंघन हुआ?
रामगोपाल यादव ने एक तरह से कांग्रेस को कठोर संकेत देते हुए कहा है कि मौजूदा राजनीतिक हालात में मध्यावधि चुनाव भी संभव है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक ओर तो छोटी-छोटी पार्टियों को रिझाने में लगी है, दूसरी ओर बड़ी पार्टियों की उपेक्षा कर रही है.
ममता बनर्जी का बचाव करते हुए रामगोपाल यादव ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए नाम सुझाकर उन्होंने कोई गलती नहीं की है. उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी टीएमसी के साथ मिलकर ही इस बारे में फैसला करेगी.
रामगोपाल यादव से यह पूछा गया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर खुद उनके नाम की चर्चा की जा रही है. इस बात को वे किस तरह देखते हैं? रामगोपाल यादव ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया.
गौरतलब है कि ममता बनर्जी और मुलायम सिंह यादव ने सोनिया गांधी की पसंद को ठुकराते हुए राष्ट्रपति पद के लिए मनमोहन सिंह, सोमनाथ चटर्जी और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का नाम सामने रखा था. इसपर कांग्रेस ने ममता और मुलायम पर मर्यादा तोड़ने का आरोप लगाया था.
दरअसल, ममता बनर्जी और मुलायम सिंह द्वारा मनमोहन सिंह का नाम राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर उछाले जाने पर कांग्रेस बेहद नाराज है. अंबिका सोनी ने कहा है कि प्रधानमंत्री का नाम लेना ठीक नहीं था. इसी मसले पर कांग्रेस प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने भी कहा कि मनमोहन सिंह का नाम उछाले जाने से मर्यादा टूटी है.
बहरहाल, राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर सियासत हर पल नया मोड़ ले रही है. देश के जनता की निगाहें लगातार इस ओर टिकी हुई हैं.