केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि सरकार पहले ही लोकपाल पर अन्ना हजारे की इच्छा के लिहाज से ‘महत्वपूर्ण’ तीन मांगों को पूरा कर चुकी है और उन्हें लगता था कि हजारे अनशन पर नहीं बैठेंगे.
खुर्शीद ने साथ ही कहा कि वह हाल ही में हजारे से मिले थे. यह भेंट उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर नहीं बल्कि सरकार और टीम अन्ना के बीच ‘टकराव’ को खत्म करने के लिए एक ‘नागरिक’ के तौर पर की. यह टकराव ‘अनावश्यक और अनुचित’ है.
शायद यह पहली बार है जब खुर्शीद ने स्वीकार किया है कि वह हाल ही में हजारे से मिले थे.
कानून मंत्री ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम उन मांगों को बहुत पहले मान चुके हैं. मेरी समझ यह थी कि वह अनशन पर नहीं बैठेंगे. लेकिन फैसला उनको लेना है.’
खुर्शीद ने कहा कि सभी श्रेणियों के सरकारी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने, राज्यों में लोकायुक्त के निर्माण और एक शिकायत निवारण तंत्र के प्रावधान से संबधित मांगें पहले ही मानी जा चुकी हैं.