सोते समय भी खास ध्वनि और गंधों की मदद से लोग नई जानकारी हासिल कर सकते हैं. इससे यह पता चलता है कि नींद की अवस्था में भी मनुष्य के सीखने की प्रवृत्ति जारी रहती है. यह बात इजरायल में किए गए एक अध्ययन से सामने आई है.
उदाहरण के लिए, यदि सोने के दौरान कोई खास ध्वनि सुनाई देने के बाद कोई खुशबू महक उठती है तो लोग केवल ध्वनि सुनकर नाक सिकोड़ने लगते हैं. यहां तक कि जब खुशबू नहीं आती तब भी सोते समय या जागने पर, दोनों स्थितियों में लोग नाक सिकोड़ने लगते हैं. पत्रिका 'नेचर न्यूरोसाइंस' में यह बात शोधकर्ताओं ने कही है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि सोते समय मस्तिष्क जाग्रत अवस्था से कहीं अधिक कार्य करता है. जब हमें किसी सुखद खुशबू का अहसास होता है तो हम गहरी सांस लेते हैं लेकिन जब खराब गंध लगती है तब सांस तक रोक लेते हैं.
इस शोध से जुड़े अंत अर्जी ने कहा कि इस शोध से यह निष्कर्ष निकलता है कि नींद में हमारी सीखने की प्रवृत्ति जारी रहती है. अब हम इस बात की खोज में लगे हैं कि किस तरह की चीजें सीखी जा सकती और किस तरह की नहीं.
शोधकर्ताओं ने पाया कि गंध के मामले में मस्तिष्क जाग्रत अवस्था के मुकाबले नींद में होने पर ज्यादा बेहतर तरीके से काम करता है.