भ्रष्टाचार के खिलाफ समाजसेवी अन्ना हजारे के आंदोलन से जुड़े अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस व भाजपा पर कोयला ब्लॉक आवंटन के जरिये देश को लूटने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को लोगों से आह्वान किया कि वे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास का घेराव करें.
केजरीवाल ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, "कांग्रेस और भाजपा ने एक साथ मिलकर कोयला घोटाले में 1.86 लाख करोड़ रुपये की लूट की. इसके खिलाफ हम 26 अगस्त को सुबह 10 बजे जंतर-मंतर पर एकत्र हों और प्रधानमंत्री तथा भाजपा अध्यक्ष के आवासों का घेराव करें.
केजरीवाल ने हाल ही में कहा था कि यदि सरकार कोयला ब्लॉक के आवंटन में आरोपों की जांच के लिए टीम का गठन नहीं करती तो वह इस मुद्दे पर अदालत में याचिका दायर करेंगे और सरकार को 'बेनकाब' करने के लिए जनमत संग्रह कराएंगे.
इससे पहले केजरीवाल ने बुधवार को कहा था कि किसी पार्टी के पास यह नैतिकता नहीं बची है कि वह कोयला घोटाले के खिलाफ आवाज उठाए. प्रधानमंत्री के इस्तीफ़े की मांग ड्रामा है. कोई भी पार्टी जांच नहीं चाहती है और सब कुछ फिक्स है.
उन्होंने सत्तापक्ष और विपक्ष पर हमला जारी करते हुए आगे कहा कि इन सदस्यों ने संसद को थियेटर में बदल दिया है जहां हर कुछ संसद के बाहर लिखी स्क्रिप्ट पर चल रहा है. विपक्ष शोरगुल कर रहा है जबकि राजीव शुक्ला सभापति को राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करने को कह रहे हैं. यह हम लोगों से धोखा है. हम लोग जल्द ही इस घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे. हमारी मांग है कि विपक्ष के सीएम के खिलाफ भी जांच की जाए.
सीएजी द्वारा संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी कम्पनियों को कोयला ब्लॉक आवंटन में पारदर्शिता के अभाव के कारण सरकारी खजाने को करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
इस रिपोर्ट में प्रत्यक्ष तौर पर प्रधानमंत्री या उनके कार्यालय को दोषी नहीं ठहराया गया है, लेकिन जुलाई 2004 से मई 2009 की अवधि में, जब इन ब्लॉक्स का आवंटन किया गया था, उस समय कोयला विभाग का प्रभार प्रधानमंत्री के पास था.