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क्या कहता है जन्म पूर्व लिंग परीक्षण का कानून

आइए जानते हैं गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम क्या कहता है.

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आमिर खान के टेलीविजन अवतार सत्यमेव जयते के पहले एपिसोड में भ्रूण हत्या का मामला उठा कर समाज को जागृत करने की कोशिश की गई. तो हम भी आपको बता दें कि गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम क्या कहता हैः

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1. गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994 के तहत गर्भाधारण पूर्व या बाद लिंग चयन और जन्‍म से पहले कन्‍या भ्रूण हत्‍या के लिए लिंग परीक्षण करना गुनाह है.

2. भ्रूण परीक्षण के लिए सहयोग देना व विज्ञापन करना कानूनी अपराध है. इसके तहत 3 से 5 साल तक की जेल व 10 हजार से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.

3. गर्भवती स्त्री का जबर्दस्ती गर्भपात करवाना अपराध है. ऐसा करने पर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.

4. धारा 313 के तहत गर्भवती महिला की मर्जी के बिना गर्भपात करवाने वाले को आजीवन कारावास या जुर्माने से भी दण्डित किया जा सकता है.

5. धारा 314 के तहत गर्भपात करने के मकसद से किये गए कार्यों से अगर महिला की मौत हो जाती है तो दस साल की कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.

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6. आईपीसी की धारा 315 के तहत शिशु को जीवित पैदा होने से रोकने या जन्म के बाद उसकी मृत्यु मकसद से किया गया कार्य अपराध होता है, ऐसा करने वाले को दस साल की सजा या जुर्माना दोनों हो सकता है.

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