व्हाइट हाउस ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी से उनके उस बयान का स्पष्टीकरण मांगा है जिसमें उन्होंने अमेरिकी नीति के खिलाफ येरूशलम को इजराइल की राजधानी के तौर पर समर्थन दिया है.
अपनी तीन देशों की यात्रा के दौरान रोमनी ने बीते रविवार येरूशलम में एक भाषण दिया. इस भाषण में रोमनी ने इस शहर को ‘इजराइल की राजधानी’ बताते हुए इसका समर्थन किया था. यह यहूदी देश तो इजराइल को अपनी राजधानी मानता है लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया गया है.
रोमनी के इस बयान को फीलस्तीनी मध्यस्थ सइब इराकात ने तुरंत ही ‘अस्वीकार्य’ और ‘क्षेत्र में अमेरिकी हितों के लिए नुकसानदायक’ बताते हुए खारिज कर दिया.
इसके बाद ही रोमनी ने दोबारा विवादास्पद बयान दिए तो अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के दफ्तर व्हाइट हाउस ने उनसे उनके बयानों पर स्पष्टीकरण की मांग की. रोमनी ने कहा था कि इजरायली ‘संस्कृति’ ने देश की आर्थिक तरक्की में योगदान दिया है. रोमनी के इस बयान को इराकात ने ‘नस्लीय’ करार दिया.
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने रोमनी के इस बयान के संदर्भ में कहा, ‘जब आप दुनिया के ऐसे संवेदनशील इलाके में जाते हैं तो आपके बयानों का अर्थ निकालने के लिए उन्हें बहुत करीब से समझा और विश्लेषण किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय मंच पर होने पर आपको इस चुनौती से जूझना पड़ता है.’