पॉल दिनाकरन उर्फ पॉल बाबा ही नहीं उनके पिता भी कृपा बांटते थे यानी गुरु पॉल को ये सबकुछ विरासत में मिला है. विरासत में मिली इस खूबी को पॉल ने इतने जबरदस्त तरीके से निभाया कि उनके पास 5 हजार करोड़ की संपत्ति जमा होने की बात कही जाती है.
पॉल दिनाकरन 'मल्टी टैलेंटेड' हैं, पॉल बाबा कारुण्या यूनिवर्सिटी कोयंबटूर के चांसलर होने के साथ-साथ भारत सरकार की नेशनल मॉनिटरिंग कमेटी फॉर माइनॉरिटी एज्यूकेशन के सदस्य भी हैं.
50 साल के डॉक्टर पॉल दिनाकरन डंके की चोट पर अपने आप को ईसाई धर्म का प्रचारक कहते हैं, वो जीसस कॉल्स नाम के धार्मिक संगठन के प्रमुख हैं और दावा करते हैं कि उन्हें क्राइस्ट की दैवीय शक्तियां अपने पिता से विरासत में मिली हैं, जिनके दम पर वो प्रार्थनाओं के जरिए लोगों के रोग, गरीबी, बेरोज़गारी और किस्म-किस्म के मानसिक दर्द दूर करते हैं.
पॉल दिनाकरन से पहले कृपा का ये कारोबार उनके पिता डॉक्टर डीजीएस दिनाकरन चलाते थे, जिनका दावा था कि उन्होंने ईसा मसीह को साक्षात अपनी आंखों से देखा है लेकिन उनकी सबसे बड़ी कृपा बरसी बेटे पॉल दिनाकरन पर. पॉल दिनाकरन का जन्म 4 सितंबर 1962 को हुआ. और इसके करीब 2 महीने बाद उनके पिता डीजीएस दिनाकरन ने क्राइस्ट को देखने का दावा किया.
पॉल दिनाकरन जब युवा थे, तब वो अपने भविष्य को लेकर बेचैन थे. पॉल दिनाकरन के मुताबिक, उसी दौर में क्राइस्ट ने उनके पिता के जरिए उनसे बात की और उन्हें ज्ञान दिया. इसके बाद उन्होंने एमबीए की पढ़ाई पूरी की. 27 साल की उम्र में मद्रास यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट साइंस में पीएचडी करने वाले वो पहले छात्र थे.
दिनाकरन पिता-पुत्र ने धर्म प्रचार के लिए जीसस कॉल्स टॉवर बनाने के साथ-साथ शिक्षा का कारोबार भी शुरू कर दिया.
1986 में दिनाकरन सीनियर ने अपनी बेटी के निधन के बाद कोयंबटूर में कारुण्या टेक्निकल इंस्टीट्यूट की स्थापना की, जो अब कारुण्या यूनिवर्सिटी में तब्दील हो चुका है. 2008 में डीजीएस दिनाकरन के निधन के बाद पॉल दिनाकरन ने कारुण्या यूनिवर्सिटी के साथ-साथ जीसस कॉल्स नाम के संगठन की विरासत भी संभाल ली.
पॉल दिनाकरन लोगों पर क्राइस्ट की कृपा बरसाते हैं लेकिन इस काम में उनके परिवार के बाकी सदस्य भी अपनी हिस्सेदारी निभाते हैं.
पॉल दिनाकरन और उनका परिवार 50 साल से धर्म प्रचार और क्राइस्ट की कृपा बरसाने का कारोबार कर रहा है.
अब तक इन पर किसी ने सवाल नहीं उठाए, लेकिन निर्मल बाबा के कृपा के कारोबार पर बवाल मचने के बाद अब सवाल उठाए जा रहे हैं कि अगर 240 करोड़ सालाना टर्नओवर वाले निर्मल बाबा लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं, तो फिर 5 हज़ार करोड़ का साम्राज्य चला रहे दिनाकरन फिर क्या कर रहे हैं.