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विकीलीक्स के दस्तावेजों में दिखी इराक प्रताड़ना

इराक युद्ध पर विकिलीक्स ने लगभग चार लाख अमेरिकी खुफिया दस्तावेज जारी कर दिए हैं जिसे उसने गोपनीय सैन्य लीक का इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा मामला बताया है.

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इराक युद्ध पर विकिलीक्स ने लगभग चार लाख अमेरिकी खुफिया दस्तावेज जारी कर दिए हैं जिसे उसने गोपनीय सैन्य लीक का इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा मामला बताया है.

विकिलीक्स ने अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन की चेतावनी के बावजूद ऐसा किया है. अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि इस कदम से सूचना देने वालों का जीवन खतरे में पड़ सकता है और युद्ध की रणनीति भी जाहिर हो सकती है.

लीक किए गए नवीनतम दस्तावेजों में वर्ष 2004 से वर्ष 2009 तक के घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्योरा है जिसमें युद्ध की एक अलग ही तस्वीर पेश करते हुए बताया गया है कि इसमें कितने इराकी नागरिक मारे गए.

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक, इन दस्तावेजों से इराकी आतंकवादियों को ईरान से मिलने वाले समर्थन को देखने के लिए एक नये नजरिये की गुंजाइश बना दी है. बहरहाल विकिलीक्स ने अपने इस कदम को सैन्य गोपनीय दस्तावेजों के लीक होने के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा मामला बताया है.

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विकिलीक्स से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अमेरिका के गुप्त सैन्य दस्तावेजों के मुताबिक, इन दस्तावेजों में इराक में मारे गए 109,032 लोगों का ब्यौरा है जिनमें 66,081 नागरिक, 23,984 बागी, 15,196 इराकी सरकार के सैनिक और गठबंधन सेना के 3771 सैनिक शामिल हैं.{mospagebreak}

विकिलीक्स द्वारा इन गोपनीय दस्तावेजों को जारी करने से कई घंटे पहले, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता पी जे क्राउले ने कहा था कि अमेरिका विकिलीक्स द्वारा गोपनीय सूचना जारी करने की भर्त्सना करेगा. उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि इससे हमारे व्यक्तिगत और अन्य हितों पर खतरा बरकरार रहेगा. हम दिल से कामना करते हैं कि वे ऐसा नहीं करें और न्यूज मीडिया संगठन उनके साथ सहयोग नहीं करें.’

सीधे तौर पर कोई टिप्पणी करने से बचते हुए विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा, ‘मैं पुख्ता तरीके से मानती हूं कि किसी व्यक्ति या किसी संगठन द्वारा गोपनीय दस्तावेज जारी करने की हमें भर्त्सना करनी चाहिए जिससे अमेरिकी लोगों और उनके साझेदारों का जीवन खतरे में पड़ता है एवं राष्ट्रीय सुरक्षा तथा इसके लिए काम करने वाले लोगों पर संकट आता है.’

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