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दो बार धोखा खा चुके हैं तीसरी बार क्यों खाना धोखाः अन्ना

सरकार और टीम अन्ना के बीच समझौते होने के आसार दिखने लगे हैं. इस बीच अन्ना हजारे ने रामलीला मैदान से अपने समर्थकों को संबोधित किया और कहा कि हम दो बार धोखा खा चुके हैं तो तीसरी बार धोखा क्यों खायें.

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अन्ना हजारे
अन्ना हजारे

सरकार और टीम अन्ना के बीच समझौते होने के आसार दिखने लगे हैं. इस बीच अन्ना हजारे ने रामलीला मैदान से अपने समर्थकों को संबोधित किया. संबोधन में अन्ना हजारे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम दो बार धोखा खा चुके हैं तो तीसरी बार धोखा क्यों खायें.

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जानें कौन हैं अन्ना हजारे

अन्ना हजारे ने अपने भाषण की शुरुआत में एक बार फिर सरकार को जनता की ताकत की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि जब तक जनलोकपाल के तीन अहम मुद्दों पर संसद में चर्चा नहीं होगी तबतक वे अनशन नहीं तोड़ेंगे. 

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गौरतलब हो कि विलासराव देशमुख अन्ना हजारे के लिए प्रधानमंत्री का संदेश लेकर आए थे. जिसका जवाब टीम अन्ना ने चिट्ठी लिखकर भेज दिया है.

रामलीला मैदान में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा, 'क्रांति की मशाल बुझने न देना. अन्ना रहे न रहे मशाल जलती रहनी चाहिए. अभी देश के लिए बहुत कुछ करना है.'

फोटो: अन्‍ना के लिए सड़कों पर उतरे समर्थक

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लोकसभा में पक्ष-विपक्ष और स्पीकर द्वारा अनशन तोड़ने की अपील पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री सहित सभी सांसदों ने आंदोलन की सराहना की, स्पीकर ने भी आंदोलन की सराहना की. दरअसल में ये सराहना मेरी नहीं, आम जनता की है. मैं तो केवल निमित्त मात्र हूं.'

देखें अनशन पर अन्ना, दावत उड़ाते नेता

हालांकि अन्ना हजारे ने समर्थकों को प्रशंसा से सावधान रहने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि प्रशंसा में भी कभी-कभी धोखा होता है. क्योंकि इस सरकार ने हमें दो बार धोखा दिया है. इसलिए प्रधानमंत्री को मैंने संदेश भेजा कि हमें लिखित आश्वासन चाहिए. और जहां तक उन्हें मेरी तबीयत की चिंता है तो मैं उनसे ये पूछना चाहता हूं कि चिंता होने में 10 दिन क्यों लगे ? दरअसल चिंता तो उन लोगों को है जो रामलीला मैदान में मेरा साथ दे रहे हैं.

अन्‍ना के आंदोलन पर विशेष कवरेज

अन्ना हजारे ने अपने अनशन तोड़ने के लिए सरकार के सामने कुछ शर्तें रखी हैं. उन्होंने कहा कि कल से संसद में जनलोकपाल बिल पर चर्चा शुरू होनी चाहिए. मेरे तीन मुद्दों को संसद में लाओ. जिसमें हर राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति, सिटीजन चार्टर और सभी सरकारी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में मुद्दे हैं.  क्योंकि ये तीनों मुद्दों गरीब देशवासियों से संबंधित है.

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जानें क्‍या है जन लोकपाल?

अन्ना ने कहा, अगर पक्ष-विपक्ष के बीच इन मुद्दों पर सहमति बनती है तभी मैं अनशन तोड़ूंगा. हालांकि अनशन टूटने के बाद भी बिल पास होने तक मेरा धरना जारी रहेगा. मैंने जीवन में तय किया था शरीर में जब तक प्राण है तब तक अनशन तो करता रहूंगा.

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