बढ़ती सब्सिडी पर चिंता जताते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सब्सिडी को नियंत्रित करने के लिये हमें आने वाले महीनों में राष्ट्र हित में व्यापक कदम उठाने होंगे.
उद्योग मंडल फिक्की की प्रबंधन समिति को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि सब्सिडी सीधे लाभार्थी तक पहुंचाने के लिये त्वरित कदम उठाये जा सकते हैं. उर्वरक तथा केरोसीन के मामले में सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में देने की दिशा में पहल की जाएगी.
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम भी बढ़ाये जा सकते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष 2012-13 में सब्सिडी को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2 प्रतिशत पर रखा जाएगा. इसे पूरा करने के लिये आने वाले महीनों में हमें कदम उठाने होंगे.
हालांकि उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार जो भी कदम उठाएगी, सभी सहयोगी दलों और संबंद्ध पक्षों को साथ लेकर किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि 2011-12 के बजट में सब्सिडी बिल 1.34 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान था जो बढ़कर लगभग 2.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
वित्त वर्ष 2012-13 में इसे 1.80 लाख करोड़ रुपये रखे जाने का बजटीय लक्ष्य रखा गया है. 2012-13 के बजट के बारे में वित्त मंत्री ने कहा, ‘इसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में तैयार किया गया. हमने राजनीतिक परिस्थितियांे को ध्यान में रखकर बजट तैयार किया.’