बॉलीवुड की अद्वितीय पार्श्व गायिका लता मंगेशकर मंगलवार को 81 वर्ष की हो गई. करीब 1,000 हिंदी फिल्मों में गीत गा चुकीं स्वर साम्राज्ञी मंगेशकर हालांकि अब बहुत कम नए गानों को अपनी आवाज दे रही हैं, फिर भी उनके प्रशंसक उनकी मखमली आवाज के कायल हैं.
वर्ष 1942 में गायन का सफर शुरू करने वाली लता फिल्म जगत को लगभग दशकों पहले अलविदा कह चुकी हैं, फिर भी संजय लीला भंसाली और मधुर भंडारकर जैसे बहुत-से फिल्मकारों की वह पहली पसंद हैं एवं आज के स्थापित गायक-गायिकाओं की प्रेरणास्रोत हैं.
लता का जन्म 28 सितम्बर, 1929 को हुआ था। वर्ष 1974 से 1991 तक विश्व में सर्वाधिक गीतों की रिकार्डिग करवाने वाली लता का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज है. हाल ही उनका मधुर स्वर भंडारकर की फिल्म 'जेल' में सुना गया.
गायिकाओं के बीच केवल लता के साथ कार्य करने का प्रण लेने वाले फिल्मकार यश चोपड़ा ने कहा, "लताजी का जन्मदिवस एक महान सुअवसर है. उन्होंने हमें संगीत के माध्यम से काफी कुछ दिया है, जैसे प्रेम और अनुराग। मुझे उम्मीद है कि वह हमेशा जीवित रहेंगी और हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त होता रहेगा. मैं उनके काफी करीब रहा हूं और बेहद खुश हूं. मुझे गर्व है कि वह भी मुझसे लगाव रखती हैं."
'जब कभी भी जी चाहे' (दाग), 'कभी कभी मेरे दिल में' (कभी कभी), 'नीला आसमां सो गया' (सिलसिला), 'मेरी बिंदिया तेरी निंदिया' (लम्हे), 'ढोलना' (दिल तो पागल है) और 'तेरे लिए' (वीर जारा) जैसे लता के मशहूर गीत हैं जो उन्होंने यश चोपड़ा के लिए गाए. ऐसी भी चर्चा हैं कि भंसाली लता को समर्पित एक एलबम तैयार कर रहे हैं.
वर्ष 1942 में मराठी गीत से करियर की शुरुआत करने वाली लता का पहला हिन्दी गाना 'पा लूं कर जोरी' है जिसे उन्होंने 1946 में रिलीज वसंत जोगलेकर की फिल्म 'आप की सेवा में' लिए गाया था.
उन्होंने 1000 से अधिक हिन्दी फिल्मों के लिए गाना गाने के अलावा 36 क्षेत्रीय भाषाओं में भी अपनी आवाज की जादू बिखेरी हैं. वह देश की दूसरी गायिका हैं जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है.