केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने बुधवार को कहा कि महिलाओं के साथ गुलाम जैसा बर्ताव किया जा रहा है, और महिलाओं पर होने वाले अपराधों का यही एक कारण है. चिदम्बरम ने आशा व्यक्त की कि शिक्षा से स्वभाव में बदलाव आएगा.
चिदम्बरम ने राज्यसभा में कहा, 'मैं इस विचार से सहमत हूं कि महिलाओं के साथ गुलाम जैसा बरताव किया जाता है. महिलाओं के खिलाफ अपराध का एक कारण यही है कि उन्हें गुलाम समझा जाता है. मुझे आशा है कि शिक्षा से इस स्वभाव में बदलाव आएगा.' चिदम्बरम, महिलाओं पर होने वाले अपराधों में वृद्धि पर एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे.
यह पूछे जाने पर कि क्या नई दिल्ली देश की बलात्कार की राजधानी है, चिदम्बरम ने कहा, 'यह कहना गलत है कि दिल्ली महिलाओं के खिलाफ अपराध की राजधानी है, यह सही तस्वीर नहीं है.' केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, 'यदि लोग ऐसा महसूस करते हैं तो मुझे इसका दुख है. देश भर में महिलाओं के साथ अपराध हो रहे हैं, और मुझे खेद है कि दिल्ली में भी ऐसा हो रहा है.'
चिदम्बरम ने कहा कि सभी राज्यों को एक विस्तृत परामर्श जारी किया गया है और कहा गया है कि वे महिलाओं की हिफाजत के लिए पर्याप्त उपाय करें. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा 16 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी उठाया जा सकता है. चिदम्बरम ने कहा कि 2010 में देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 2,13,585 मामले और 2010 में बलात्कार के 22,172 मामले सामने आए थे.
बलात्कार सम्बंधी कानूनों की एक समीक्षा की जांच के लिए केंद्रीय गृह सचिव के अधीन एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की गई है. चिदम्बरम ने कहा कि समिति ने सभी घटकों के साथ मशविरा कर फौजदारी कानून (संशोधन) विधेयक, 2011 का मसौदा तैयार किया है. कैबिनेट नोट का एक मसौदा सम्बंधित मंत्रालयों को भेजा गया है.