घुटने के आपरेशन के कारण सानिया मिर्जा 2011 के सत्र में अमेरिकी ओपन के बाद नहीं खेल पायी लेकिन इस भारतीय टेनिस स्टार ने कहा कि चोटों से बचने के लिये वह टूर्नामेंट की संख्या में कटौती नहीं कर सकती हैं.
सानिया ने हाल में अपने बायें घुटने का आपरेशन कराया है लेकिन उन्होंने अभ्यास शुरू कर दिया है. कोर्ट पर उनका छठा दिन था लेकिन वह लंबे समय तक अभ्यास नहीं कर रही है और केवल 40-45 मिनट ही कोर्ट पर बिता रही हैं. सानिया ने डीएलटीए परिसर में जिम में कुछ समय बिताने के बाद कहा, ‘कोर्ट पर वापसी करना अच्छा है. मैं धीरे धीरे आगे बढ़ रही हूं. मैं पूरी तरह फिट हूं लेकिन मैं जल्दबाजी नहीं करना चाहती हूं.’
सानिया से जब पूछा गया कि क्या वह चोटों से बचने के लिये अगले सत्र में टूर्नामेंट की संख्या में कटौती करना चाहती हैं, उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसा नहीं कर सकती. एकल में इसी तरह से आगे बढ़ा जा सकता है. हमें सप्ताह दर सप्ताह खेलना पड़ता है. यदि आप अच्छी रैंकिंग चाहते हैं तो आपको खेलना होगा और हमें इसी तरह से चोटों से भी निबटना पड़ेगा.’
उन्होंने कहा, ‘मैं चाहती थी कि मुझे इसे आपरेशन की जरूरत नहीं पड़े लेकिन दुर्भाग्य से मैं रैंकिंग में 60 के करीब पहुंचने के बाद चोटिल हो गयी. शायद मुझे विश्राम की जरूरत थी.’
सानिया अब एक जनवरी को प्रतिस्पर्धी टेनिस में वापसी के बारे में सोच रही हैं. तब वह न्यूजीलैंड के आस्टिन में डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट में भाग लेंगी. उन्होंने इस सत्र में तीन युगल खिताब जीते. वह पहली बार फ्रेंच ओपन के युगल फाइनल में भी पहुंची थी लेकिन खिताब जीतने में नाकाम रही थी. इस हैदराबादी खिलाड़ी ने कहा कि रोलां गैरा के फाइनल में पहुंचना इस सत्र में उनके लिये यादगार टूर्नामेंट रहा.
उन्होंने कहा, ‘फाइनल में पहुंचना मेरे लिये इस सत्र की विशेषता रही. हमें खिताब की उम्मीद थी लेकिन फाइनल में पहुंचना भी संतोषजनक रहा.’
एकल में सानिया अपनी रैंकिंग में सुधार करके 166 से 87 तक पहुंची है लेकिन पूरे सत्र में वह केवल एक बार क्वार्टर फाइनल तक पहुंच पायी. वह हालांकि एकल में लचर प्रदर्शन से चिंतित नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘एकल काफी चुनौतीपूर्ण होता है. कलाई की चोट से उबरने के बाद मैंने लगभग 160 मैच खेले हैं. वर्ष के शुरू में मेरी रैंकिंग 166 थी लेकिन मैं 60 तक पहुंचने में सफल रही थी. मैं इससे खुश हूं.’