बैंगलोर की एक विशेष सीबीआई अदालत ने अवैध खनन मामले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और उनके परिवार के सदस्यों की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी. इसे संकट में फंसे येदियुरप्पा के लिए एक ताजा झटका समझा जा रहा है.
सीबीआई न्यायाधीश डी आर वेंकट सुदर्शन ने यह कहते हुए येदियुरप्पा, उनके बेटों-सांसद बी वाई राघवेंद्र और बी वाई विजेंद्र तथा दामाद आर एन सोहन कुमार की याचिकाएं खारिज कर दी कि जमानत देने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर चल रही इस मामले की सीबीआई जांच में अड़चन आएगी.
अदालत ने कहा कि जमानत नामंजूर करने के लिए वह मामले के आकार पर गौर कर रहा है तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कर रहा है. उसने यह भी कहा कि सीबीआई की इस दलील को कि येदियुरप्पा बतौर पूर्व मुख्यमंत्री तथा राघवेंद्र बतौर सांसद प्रभावशाली व्यक्ति हैं, खारिज नहीं किया जा सकता.
अदालत ने यह भी कहा, ‘महज अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर दिया जाना गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता.’ अपनी दलील में सीबीआई वकील अशोक भान ने पहले कहा था कि जिंदल स्टील वर्क्स से 20 करोड़ रुपए येदियुरप्पा के बेटों द्वारा संचालित प्रेरणा एजूकेशनल एवं सोशल ट्रस्ट में गए और वहां से यह राशि विवेकानंद ट्रस्ट के पास गई जिसके न्यासी येदियुरप्पा हैं.