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पाक सुप्रीम कोर्ट में PM गिलानी दोषी करार

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को दोषी करार दिया है. सुनवाई के दौरान अदालत ने साफ किया कि गिलानी जेल नहीं जाएंगे. सुनवाई के दौरान गिलानी ने ‌अदालत में जो वक्त गुजारा, वही उनके लिए सजा है.

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यूसुफ रजा गिलानी
यूसुफ रजा गिलानी

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पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को अदालत की अवमानना के मामले में दोषी करार दिया और जेल की सजा न देते हुए ‘अदालत के उठने तक’ यानी सुनवाई खत्म होने तक की सांकेतिक सजा सुनायी.

गौरतलब है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने से गिलानी के इंकार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री पर अदालत की अवमानना का मुकदमा चलाया और आखिरकार आज उन्हें दोषी करार दे दिया.

अदालत की 10 मिनट से भी कम चली कार्यवाही के दौरान न्यायमूर्ति नासिर-उल- मुल्क की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने यह फैसला सुनाया और गिलानी से कहा कि उनकी सजा अदालत के उठने तक यानी सुनवाई खत्म होने तक कायम रहेगी.

फैसला सुनाने के बाद न्यायाधीश अदालत कक्ष से बाहर चले गए जिससे 56 साल के गिलानी को मिली सजा खत्म हो गयी. हालांकि, कानूनी विशेषज्ञ इस मुद्दे पर बंटे हुए हैं कि गिलानी को दोषी करार दिए जाने से उनके प्रधानमंत्री पद पर कोई खतरा पैदा होगा और वह इसके अयोग्य होंगे या नहीं. विशेषज्ञों का कहना है कि अदालत का विस्तृत फैसला इस बारे में तस्वीर साफ करेगा.

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अदालत से बाहर निकलते हुए गिलानी ने मीडिया से कहा कि हमने न्याय की गुहार लगायी थी, फैसला उचित नहीं था. पाकिस्तान के कानून के मुताबिक अदालत की अवमानना के दोषी को छह महीने की अधिकतम सजा दी जा सकती है. इससे पहले, गिलानी अपने काफिले के साथ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे जहां उनके मंत्रिमंडल के सदस्य उनका इंतजार कर रहे थे.

इसके बाद प्रधानमंत्री अपने बेटे और गृह मंत्री रहमान मलिक के साथ अदालत के अंदर गए. इस दौरान प्रधानमंत्री के समर्थकों ने उन पर गुलाब के फूल बरसाए.

अदालत की इमारत के अंदर जाने से पहले उन्होंने दरवाजे पर रुक कर और अपने समर्थकों की ओर रुख कर हाथ हिलाया. खचाखच भरे अदालत कक्ष में कार्यवाही की शुरुआत करीब साढ़े नौ बजे हुई.

न्यायाधीश जब कक्ष के अंदर दाखिल हुए तो गिलानी कानून मंत्री फारूक नाइक और अपने वकील ऐतजाज अहसन के साथ चबूतरे पर खड़े हुए. अवमानना मामले में तीसरी दफा प्रधानमंत्री की पेशी के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया था.

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