वेलेंटाइन डे में इस बार हृदय के आकार के चॉकलेट और गुलाबों की ही बिक्री नहीं बढ़ी, बल्कि एंटी नारकोटिक्स अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली और इसके आसपास पार्टियों में नाग सांप के जहर से बने नशीले पदार्थ 'कोबरा ड्रग' का भी इस्तेमाल हुआ.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'पार्टियों और डिस्को में इन दिनों के-72 और के-76 जैसे ड्रग की बिक्री बढ़ रही है, जिसमें नाग सांप के जहर का इस्तेमाल होता है. इन नशीले पदार्थो के उपयोग से उत्तेजना में वृद्धि होती है और इसे लेने वाले को अधिक समय तक उछलने-कूदने और नाचने की ऊर्जा मिलती है.'
उन्होंने कहा, 'वेलेंटाइन दिवस से करीब एक सप्ताह पहले इन पदार्थों की बिक्री दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ जाती है. इसका सेवन चोरी छुपे होने वाली पार्टियों में होता है.'
दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार अंतर्राज्यीय बस अड्डे से नाग सांप का आधा लीटर जहर बरामद किया, जिसकी सूचना पुलिस को एक पशु कल्याण संगठन से मिली थी. वन्यजीव अधिनियम के तहत नाग को लुप्त हो रही प्रजाति का दर्जा दिया गया है.
संगठन के एक वन्यजीव कार्यकर्ता सौरभ गुप्ता ने कहा, 'वेलेंटाइन डे से पहले पुलिस ने दो नाग सांप बरामद किए. दीवाली और नव वर्ष के मौके पर भी ऐसी ही बरामदगी हुई थी.'
उन्होंने कहा कि नाग के आधे लीटर जहर की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपये है और इतना जहर हासिल करने के लिए तस्करों को 100 नाग सांप मारने होते हैं, जो गैर कानूनी है.
नाग के जहर से बने पाउडर की एक चुटकी शीतलपेय या शराब में मिला दी जाती है. लगभग 500 मिलीलीटर जहर से बने नशीले पाउडर को एक हजार लीटर शराब में मिलाया जाता है.
गुप्ता ने कहा कि नाग को 2006 में संबंधित कानून की चौथी सूची में रखा गया था, लेकिन इसे अब पहली सूची में डाल दिया गया है, यानी सरकार ने उसे सर्वाधिक सुरक्षा दी जाने वाली प्रजातियों में रखा है.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक वेलेंटाइन दिवस से एक सप्ताह पहले के-72, के-76 के अलावा कोकीन, इफेड्राइन, मिथाईलीन डाई-ऑक्सी मेथाम्पेटामाइन, रॉहिप्नॉल और एलएसडी की ब्रिकी पांच से 10 फीसदी बढ़ जाती है.
पार्टी ड्रग की कीमत जहां प्रति खुराक दो हजार से पांच हजार रुपये तक है, वहीं के-72 और के-76 की एक चुटकी की कीमत 20 हजार से 25 हजार के बीच होती है.
सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ यूथ एंड मासेस के एक सलाहकार सुरिंदर कुमार शर्मा ने कहा कि अन्य समूहों के अलावा उच्च तबके की लड़कियों के बीच इसका अधिक इस्तेमाल है. वे इसके इस्तेमाल को कूल और एक फैशन समझती हैं.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुताबिक जनवरी 2009 से अब तक दिल्ली में 108 नाईजीरियाई नागरिकों को मादक पदार्थ तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है.