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अन्‍ना का समर्थन कर युवाओं ने दिखाया कि वो परिपक्‍व हो गए हैं: अरुण पुरी

पिछले तीन महीनों में हुई घटनाओं ने युवाओं के प्रति नजरिए में बड़ा बदलाव ला दिया है. ये बातें इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन व एडीटर इन चीफ अरुण पुरी ने माइंड रॉक्‍स इंडिया टुडे यूथ समिट 2011 के उद्घाटन भाषण में कहीं.

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पिछले तीन महीनों में हुई घटनाओं ने युवाओं के प्रति नजरिए में बड़ा बदलाव ला दिया है. ये बातें इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन व एडीटर इन चीफ अरुण पुरी ने माइंड रॉक्‍स इंडिया टुडे यूथ समिट 2011 के उद्घाटन भाषण में कहीं.

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उन्‍होंने कहा कि पहले युवाओं को आत्‍मकेंद्रित समझा जाता था लेकिन अब युवाओं ने देश और दुनिया की इस सोच को बदल कर रख दिया है. हाल फिलहाल तक भारतीय युवा को केवल बाजार के रूप में देखा जाता था. लेकिन दिल्‍ली के रामलीला मैदान में भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अन्‍ना हजारे के आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्‍सा लेकर युवाओं ने दिखा दिया कि यहां वाकई लोकतंत्र है.

अरुण पुरी ने कहा कि आधुनिक तकनीक जैसे एसएमएस और फेसबुक लोगों बांट देंगे लेकिन अन्‍ना के आंदोलन में इन्‍हीं संचार माध्‍यमों ने लोगों को एकजुट करने में बड़ी भूमिका अदा की. यह भी कहा जाता था‍ कि भूमंडलीकरण से हमारे युवाओं का झुकाव पश्चिमी सभ्‍यता की तरफ हो जाएगा लेकिन युवाओं ने दिखाया कि तिरंगा आज भी उनके लिए सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है.

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हम कहा करते थे कि युवा राजनीति में रुचि नहीं रखते. लेकिन हाथ में मोम‍बत्तियां और दिल में उम्‍मीद लिए एक के बाद एक जैसे जैसे आप दिल्‍ली के रामलीला मैदान, मुंबई के आजाद मैदान और बैंगलोर के फ्रीडम पार्क में इकट्ठा हुए, आपने हमें गलत साबित कर दिया.

भारत की दो तिहाई आबादी 35 वर्ष या उससे कम उम्र की है. लगभग 45 करोड़ 90 लाख लोग हमारे देश में ऐसे हैं जिनकी उम्र 13 से लेकर 35 वर्ष के बीच है और उसमें से लगभग 33.3 करोड़ लोग साक्षर हैं. लेकिन महाराष्‍ट्र के एक अनजान से गांव के 74 वर्षीय व्‍यक्ति के साथ खड़े होकर आपने साबित कर दिया कि भारत ही असली लोकतंत्र है.

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