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कैंसर मरीजों के लिए एक उम्‍मीद 'यूवीकैन'

कैंसर से निपटने के लिए युवराज सिंह फाउंडेशन की पहल ‘यूवीकैन’ के लांच के मौके पर युवराज ने कहा, 'यह फख्र की बात है कि बीसीसीआई ने मेरा नाम अर्जुन पुरस्कार के लिए भेजा है. उम्मीद है कि इस बार मुझे यह पुरस्कार मिल जाएगा.' बीसीसीआई और खेल मंत्रालय के बीच अर्जुन पुरस्कार नामांकन की आखिरी तारीख को लेकर गलतफहमी पैदा हो गई थी.

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युवराज सिंह
युवराज सिंह

कैंसर से निपटने के लिए युवराज सिंह फाउंडेशन की पहल ‘यूवीकैन’ के लांच के मौके पर युवराज ने कहा, 'यह फख्र की बात है कि बीसीसीआई ने मेरा नाम अर्जुन पुरस्कार के लिए भेजा है. उम्मीद है कि इस बार मुझे यह पुरस्कार मिल जाएगा.' बीसीसीआई और खेल मंत्रालय के बीच अर्जुन पुरस्कार नामांकन की आखिरी तारीख को लेकर गलतफहमी पैदा हो गई थी.

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एनसीए में अभ्‍यास के बारे में युवराज ने कहा, 'यह काफी कठिन था. हर सत्र के साथ हालांकि हालात बेहतर होते गए. उम्मीद है कि दो महीने में मेरा शरीर वापसी के लिए तैयार होगा.' कैंसर से उबरने के बावजूद युवराज को पता है कि इसके जख्म जिंदगी भर उनके साथ रहेंगे. उन्हें यह भी पता है कि वह कैंसर से जूझ रहे मरीजों के प्रेरणास्रोत बन गए हैं.

उन्होंने कहा, 'मुझे पता है कि मैं भारत में कैंसर मरीजों का चेहरा बन गया हूं. मेरी उनके प्रति जिम्मेदारी है. मैं उन्हें सकारात्मक संदेश देना चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि वे डरे नहीं और सकारात्मक रहें.' युवराज ने स्वीकार किया कि विश्व कप के दौरान अपनी सेहत को लेकर वह काफी चिंतित थे.

उन्होंने कहा, 'मैं सो नहीं पाता था. मैंने अपने फिजियो से कहा कि मेरे शरीर में कुछ भारी गडबड़ है. यह विश्व कप के समय की बात है और मैं कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर नीतेश रोहतगी से मिलना नहीं चाहता था क्योंकि वह मुझे खेलने नहीं देते. मैं दुआ कर रहा था कि मुझे जो भी हो, विश्व कप के बाद हो.' उन्होंने कहा, 'मुझे भगवान से कभी यह शिकायत नहीं रही कि मुझे कैंसर क्यों हुआ. भगवान की कृपा से ही मुझे विश्व कप में मैंन ऑफ द टूर्नामेंट पुरस्कार भी मिला था.'

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युवराज ने बताया कि कैसे उनकी मां को उनकी बीमारी के बारे में उनसे पहले पता चला. उन्होंने कहा, ' मैं जब अपने डॉक्टर से मिला और उन्होंने मुझे बीमारी के बारे में बताया तो मैंने सबसे पहले कहा कि मेरी मां को कुछ मत बताना. डॉक्टर ने हालांकि बताया कि वह मेरी मां को पहले ही बता चुके हैं. मेरी मां मेरी ताकत रही हैं. उन्होंने मेरी ऐसे देखभाल की जैसे कोई दो साल के बच्चे की करता है.’ युवराज ने यह भी बताया कि कैसे अमेरिका में अनिल कुंबले से उन्हें प्यारभरी झिड़की मिली थी.

उन्होंने कहा, 'अनिल उस समय अमेरिका में मेरे कमरे में आये जब मैं भारत और ऑस्ट्रेलिया का मैच देख रहा था. उन्होंने मुझे टीवी बंद करने को कहा. उन्होंने लंबा भाषण दिया कि क्रिकेट को भूलकर अपनी सेहत पर ध्यान दूं.' युवराज ने यह भी बताया कि यूवीकैन शुरू करने की प्रेरणा उन्हें महान साइकिलिस्ट लांस आर्मस्ट्रांग के लिवस्ट्रांग प्रोजेक्ट से मिली.

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