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मनमोहन से वार्ता सकारात्‍मक: जरदारी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि वे पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ हुई बातचीत से संतुष्‍ट हैं.

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आसिफ अली जरदारी
आसिफ अली जरदारी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि वे पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ हुई बातचीत से संतुष्‍ट हैं. दूसरी ओर जरदारी ने कहा कि मनमोहन के साथ उनकी वार्ता सकारात्‍मक रही.

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दिल्‍ली आने के बाद इन दोनों नेताओं ने अकेले में बातचीत की. इसके बाद दोनों ने वक्‍तव्‍य जारी किए, जिसमें वार्ता पर संतोष जताया गया.

मनमोहन सिंह ने कहा कि जरदारी ने उन्‍हें पाकिस्‍तान आने का न्‍योता दिया. उन्‍होंने कहा कि न्‍योते को कबूल करते हुए पाकिस्‍तान जाकर उन्‍हें खुशी होगी.

जरदारी के जयपुर रवाना होने के बाद भारत के विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि पाकिस्‍तान से आगे भी बातचीत जारी रहेगी.  दोनों के बीच 26/11, आतंकवाद, सियाचिन, सरक्रीक आदि मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्‍होंने कहा कि मनमोहन सिंह ने आसिफ अली जरदारी से हाफिज सईद का भी मुद्दा उठाया. दूसरी ओर जरदारी ने मनमोहन के सामने कश्‍मीर का मसला उठाया.

इससे पहले पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी अपने बहुप्रतीक्षित दौरे पर नई दिल्‍ली पहुंचे.

इस दौरे की अहमियत इस बात से भी समझी जा सकती है कि जरदारी के 42 सदस्‍यीय प्रतिनिधिमंडल में पाकिस्‍तान की विदेश मंत्री हिना रब्‍बानी भी शामिल हैं. पहले रब्‍बानी के आने को लेकर जानकारी नहीं दी गई थी.

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दूसरी ओर पहले यह बताया जा रहा था कि जरदारी की दोनों बेटियां भारत आ रही हैं, पर वे नहीं आईं. दिल्‍ली के पालम एयरपोर्ट पर भारत के केंद्रीय जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल ने जरदारी की अगवानी की.

मनमोहन सिंह और आसिफ अली जरदारी ने सकारात्मक संकेत देते हुए कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों का व्यावहारिक समाधान खोजने के इच्छुक हैं.

लगभग तीस मिनट की अकेले में बैठक करने के बाद दोनों नेताओं ने प्रेस बयान दिये, जिसमें उन्होंने वार्ता को लेकर संतोष व्यक्त किया.

मनमोहन सिंह ने कहा, ‘मैंने और राष्ट्रपति जरदारी ने ऐसे द्विपक्षीय मसलों पर रचनात्मक और दोस्ताना बातचीत की है जो भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को प्रभावित करते हैं.’ दोपहर करीब 12 बजकर 10 मिनट पर पालम वायुसैनिक अड्डे (तकनीकी एरिया) पहुंचने के बाद जरदारी अपने बेटे बिलावल भुटटो के साथ सीधे सिंह के सरकारी आवास सात रेसकोर्स रोड के लिए रवाना हुए.

अजमेर शरीफ के दर्शन करने के लिए निजी यात्रा पर भारत पहुंचने वाले जरदारी को सिंह ने दोपहर भोज पर आमंत्रित किया था.

मनमोहन सिंह ने कहा, ‘मैंने जरदारी की इस यात्रा का फायदा उनके साथ सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत कर उठाया और मैं इस यात्रा के नतीजे से काफी संतुष्ट हूं.’ उन्होंने स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच कई मसले हैं.

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उन्होंने कहा, ‘हमारे कई मुद्दे हैं और हम उन सभी मुद्दों का व्यावहारिक समाधान खोजने के इच्छुक हैं और यही संदेश मैं और राष्ट्रपति जरदारी देना चाहते हैं.’

जरदारी ने कहा कि हमारी द्विपक्षीय वार्ता काफी फलदायक रही. उन्होंने उम्मीद जतायी कि सिंह से जल्द ही पाकिस्तान की सर जमीं पर उनकी मुलाकात होगी. जरदारी ने मनमोहन सिंह को पाकिस्तान आने का न्यौता दिया.

जरदारी ने कहा, ‘हम भारत के साथ बेहतर संबंध चाहेंगे.’ मनमोहन सिंह ने बताया कि उन्होंने पाकिस्तान आने का जरदारी का न्योता स्वीकार कर लिया है. सात आरसीआर पहुंचने पर मनमोहन सिंह ने जरदारी का गर्मजोशी से स्वागत किया.

दोनों नेताओं ने साथ खडे होकर फोटो खिंचवाये. जरदारी ने कहा, ‘मैं पाकिस्तान के राष्ट्रपति की ओर से भारत की अवाम को अस्सलाम अलैकुम (खुदा सबको सलामत रखे) कहना चाहूंगा. मैं प्रधानमंत्री का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे दोपहर भोज पर आमंत्रित किया हालांकि मैं निजी यात्रा पर यहां आया था, लेकिन हमने कुछ द्विपक्षीय मसलों पर फलदायक बातचीत की है.’ जरदारी की वर्तमान यात्रा सात साल में किसी पाकिस्तानी राष्ट्रपति की पहली भारत यात्रा है. जरदारी का विमान नयी दिल्ली के पालम वायुसैनिक अड्डे (तकनीकी एरिया) पर दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर पहुंचा. उनके साथ उनके बेटे बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक और कुछ अन्य अधिकारी भी आये हैं. उनका केन्द्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल और विदेश सचिव रंजन मथाई ने स्वागत किया.

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बिजनेस सूट पहने जरदारी ने इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया लेकिन कोई टिप्पणी नहीं की. वह सीधे प्रधानमंत्री सिंह के सात रेसकोर्स स्थित सरकारी आवास के लिए रवाना हो गये.

एक दिन की निजी यात्रा पर आये पाकिस्तानी राष्ट्रपति राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह जा रहे हैं. बैठक का हालांकि कोई तयशुदा एजेंडा नहीं था लेकिन दोनों नेताओं ने संभवत: परस्पर हित के मुद्दों पर बातचीत की है.

जरदारी और मनमोहन करीब तीन साल के अंतराल बाद मिले. इससे पहले वे 2009 में रूस के येकातेरिनबर्ग में मिले थे.

वैसे अब देश-दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं कि आसिफ अली जरदारी और मनमोहन सिंह के बीच बातचीत का स्‍तर कितना व्‍यापक रहा.

समझा जा रहा है कि मनमोहन सिंह और जरदारी कश्मीर, आतंकवाद, व्‍यापार सहित सभी मुद्दों पर चर्चा की. पिछले 7 वर्षों में किसी पाकिस्तानी राष्ट्रपति की यह पहली भारत यात्रा है. जरदारी के साथ 42 सदस्यों का एक शिष्टमंडल भी भारत आया है.

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