मेमो कांड से जुड़े विवादित व्यापारी मंसूर एजाज ने दावा किया है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को पिछले साल ऐबटाबाद में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के ठिकाने पर हुए अमेरिकी सैन्य हमले की पहले से जानकारी थी.
एजाज ने दावा किया कि जरदारी ने अमेरिकी हमले वाले दिन सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी से टेलीफोन पर बात की थी और उनसे कहा था कि अमेरिकी सैनिकों के हेलीकाप्टरों को लक्ष्य बनाने के लिए एफ-16 लड़ाकू विमानों का उपयोग नहीं किया जाए. एजाज ने लंदन से सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायिक आयोग से वीडियो लिंक से जुड़ने के लिए पाकिस्तान उच्चायोग में प्रवेश करने से पहले मीडिया से बातचीत के दौरान ये टिप्पणियां कीं.
यह आयोग मेमो कांड मामले की जांच कर रहा है. एजाज ने कहा कि उनके दावे ‘द न्यूज’ अखबार की खबर में किये गये दावों से मिलते जुलते हैं. एजाज ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं पुष्टि कर सकता हूं कि जिन दो व्यक्तियों के बारे में दस्तावेज में संदर्भ शामिल है.. (सेना प्रमुख) जनरल अशफाक परवेज कयानी जिन्हें राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की ओर से कॉल आई थी, उनसे विशेषकर कहा गया कि पाकिस्तानी वायुक्षेत्र में अमेरिकी हेलीकाप्टरों पर ध्यान देने के लिए तैनात एफ-16 (लडाकू विमानों) का उपयोग नहीं हो.’
उन्होंने कहा, ‘जहां तक मैं जानता हूं, जनरल कयानी और राष्ट्रपति जरदारी के बीच बातचीत हुई थी. यह काफी स्पष्ट है.’ एजाज ने दावा किया कि अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी इस मामले में अपना बयान देकर गुप्त ज्ञापन विवाद खत्म कर सकते हैं. एजाज के इस बयान के बाद हक्कानी को इस्तीफा देना पड़ा था कि उन्होंने राजदूत के निर्देशों पर अमेरिकी अधिकारियों को देने के लिए गुप्त ज्ञापन तैयार किया और इसे भेजा था.
इस ज्ञापन में पाकिस्तान में लादेन की हत्या के बाद तख्तापलट की आशंका के समय अमेरिकी मदद मांगी गई थी. हक्कानी और पाक सरकार ने एजाज के दावों को खारिज किया है. एजाज ने कहा कि हक्कानी केवल एक मिनट में खड़े होकर सच बोलकर पूरा विवाद खत्म कर सकते हैं. उन्हें पता है कि उन्होंने क्या किया, मुझे पता है कि उन्होंने क्या किया.
‘द न्यूज’ अखबार ने अपनी खबर में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गये ईमेल के हवाले से कहा कि पाकिस्तानी वायु यातायात नियंत्रक ने पिछले साल दो मई को रात 12 बजकर 39 मिनट और 12 बजकर 47 मिनट के बीच पाकिस्तानी वायु क्षेत्र में चार अमेरिकी हेलीकाप्टरों के प्रवेश का पता लगाया था.
इनमें से एक हेलीकाप्टर कथित रूप से रिमोट चालित विमान था. अमेरिकी विमान चालकों ने शुरूआत में वायु यातायात नियंत्रकों को बताया कि वे रावलपिंडी के चकलाका सैन्य अड्डे की ओर जा रहे हैं लेकिन बाद में ये हेलीकाप्टर ऐबटाबाद की ओर मुड़ गये.
इसके कारणों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनके रास्ते में ‘घने बादलों’ के कारण उन्होंने ऐसा किया. एजाज ने मीडिया में आई इस खबर का संदर्भ लिया और दावा किया कि दो वरिष्ठ व्यक्ति कयानी और जरदारी थे.