पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने सियाचिन से पाकिस्तानी सैनिकों की एकतरफा वापसी से इनकार किया है. जरदारी ने कहा, ‘पाकिस्तान के सैनिकों की वापसी तभी संभव है जब भारत भी ऐसा करने पर राजी हो जाए. इस मामले में एकतरफा फैसला नहीं लिया जाएगा.’
ओकारा जिले में शुक्रवार को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन के दौरान जरदारी ने कहा कि वह सियाचिन में अपने सौनिकों की समस्याओं पर चिंतित हैं और भारत भी वहां अपने सैनिकों की समस्याओं से चिंतित होगा. गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले सियाचिन में पाकिस्तान की सैन्य छावनी के पास हुए हिमस्खलन में 138 सैनिकों की मौत हो गई थी.
जरदारी ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि सियाचिन विश्व का सबसे कठिन युद्धक्षेत्र है. हम इस क्षेत्र की कठोर जलवायु और अन्य मुश्किलों से अवगत हैं, लेकिन यहां से सैनिकों को हटाना तभी संभव है जब दोनों सरकारें यहां से एक साथ पीछे हटने का फैसला करें.’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस मसले को भारत के साथ बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है.