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टीपू सुल्तान की वंशज का स्मारक बनाया जाएगा ब्रिटेन में

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश के लिए एक महत्वपूर्ण जासूस रही मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की वंशज नूर इनायत खान का यहां गोर्डन स्क्वायर के समीप एक स्मारक बनाया जाएगा. अपने अंतिम मिशन पर फ्रांस जाने से पहले वह यहीं एक मकान में रही थीं.

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द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश के लिए एक महत्वपूर्ण जासूस रही मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की वंशज नूर इनायत खान का यहां गोर्डन स्क्वायर के समीप एक स्मारक बनाया जाएगा. अपने अंतिम मिशन पर फ्रांस जाने से पहले वह यहीं एक मकान में रही थीं.

जर्मनी में नाजियों ने उन्हें मौत की सजा दी थी. उन्हें 1949 में मरणोपरांत ब्रिटेन का शीर्ष जार्ज क्रॉस सम्मान से सम्मानित किया गया था.

पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल द्वारा गठित खुफिया एजेंसी स्पेशन ऑपरेशंस एक्जक्यूटिव ने केवल तीन महिलाओं की भर्ती की थी जिनमें नूर इनायत खान एक थीं.

नूर पहली महिला रेडियो आपरेटर थीं जिन्हें 1943 में नाजी के कब्जे वाले फ्रांस में भेजा गया था. उनका कूटनाम ‘मैडलीन’ दिया गया था. नूर को नाजियों ने गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें दचाउ के याताना शिविर में मार डाला. उस समय वह महज 30वर्ष की थीं.

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नूर ऐसी पहली भारतीय महिला है जिन्हें न केवल जार्ज क्रॉस बल्कि फ्रांस के शीर्ष सम्मान क्रोइक्स डि गर्रे से भी सम्मानित किया गया. उनकी याद में बनाया जाने वाला स्मारक एक मूर्ति के रूप में होगा.

उनकी मूर्ति लगाने के लिए नूर इनायत खान स्मारक न्यास ने अभियान चलाया था और लेबर सांसद वालेरी वाज ने हाउस ऑफ कमंस में प्रस्ताव रखा था जिसके बाद यह निर्णय किया गया. वाज ने कहा, ‘‘नूर इस सम्मान की हकदार हैं.’

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