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...जब दिव्यांग पिता ने बेटी को दिलाई नई ड्रेस, आपको भी भावुक कर देगा ये किस्सा

हर पिता के लिए उसके बच्चे सबसे प्यार होते हैं. खासकर हर बेटी अपने पिता की लाडली होती है. अपने बच्चों के सपनों को साकार करने के लिए पिता कुछ भी करने को तैयार रहते हैं.

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2 साल बाद बेटी को ड्रेस दिलाने की खुशी पिता के चेहरे पर
2 साल बाद बेटी को ड्रेस दिलाने की खुशी पिता के चेहरे पर

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हर पिता के लिए उसके बच्चे सबसे प्यार होते हैं. खासकर हर बेटी अपने पिता की लाडली होती है. अपने बच्चों के सपनों को साकार करने के लिए पिता कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. खुद आधा पेट खाकर बच्चों के चेहरे पर मुस्कान के लिए जीतोड़ मेहनत करते हैं. बच्चों की खुशियों को खरीद लेना ही हर माता-पिता का ख्वाब होता है. कुछ ऐसा ही भावुक करने देने वाला किस्सा फेसबुक पर वायरल हो रहा है. जिसे बांग्लादेश के एक पत्रकार ने शेयर किया है. जिसका नाम GMB आकाश है.

ये दिल को छू जाने वाली कहानी बांग्लादेश की है. बांग्लादेश के रहने वाले एमडी कवसर हुसैन अपनी बेटी के लिए बीते 2 सालों से नई ड्रेस नहीं खरीद पा रहे थे. दरअसल, कवसर हुसैन एक हादसे में अपना एक हाथ गंवा चुके हैं. ऐसे में इस पिता ने कुछ पैसे जुटाकर एक दिन अपनी लाडली के लिए एक ड्रेस खरीदने की सोची, और फिर जो हुआ उसे सुनकर आप भी भावुक हो जाएंगे.

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हुसैन को जब उसकी बेटी अपने हाथों से खाना खिलाती तो जानती थी कि एक हाथ से काम करना कितना मुश्किल है, और फिर उसके पिता उसके लिए जो कर रहे हैं वो काफी है. हुसैन की मानें तो जब वह अपना हाथ आगे बढ़ाते हैं तो उन्हें खुद पर शर्म आती. लेकिन बेटी कभी उन्हें अकेला नहीं छोड़ती. बेटी उन्हीं पुराने कपड़ों में खुश रहती, उसे पिता की हालात के बारे में शायद इसी उम्र में अहसास हो गया.

लेकिन अचानक एक दिन पिता बेटी का ड्रेस खरीदने के लिए एक दुकान पर पहुंचा और उसने अपनी जेब से कुछ पैसे निकालकर दुकानदार को थमाए तो उसे वहां से भिखारी कहकर दुत्कारते हुए भगा दिया गया. ये देख बेटी से नहीं रहा गया और वो अपने पिता को दुकान से बाहर लेकर चली गई. पिता ने एक हाथ से आंसू पोंछते हुए बेटी से कहा ‘हां मैं भिखारी हूं.’ लेकिन इसके बावजूद हुसैन ने अपने बच्चों को पढ़ाना-लिखाना जारी रखा.

आखिरकार वह दिन भी आ गया जब हुसैन ने 2 साल बाद अपनी बेटी के लिए नया ड्रेस खरीदा. पिता की शब्दों में कहें तो 'पूरे दो साल बाद मेरी बेटी ने नई ड्रेस पहनी है, इसी वजह से मैं आज उसे यहां खिलाने लाया हूं'. आज यह पिता भिखारी नहीं, राजा है और उसकी ये लाडली राजकुमारी. फोटो में पिता के चेहरे पर आप वो खुशी देख सकते हैं जिसके लिए वो दो साल से इंतजार कर रहा था. और इस बेटी के लिए भी उसके पिता उसके लिए सबसे बड़े आदर्श हैं.

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दरअसल 5 अप्रैल को शेयर की गई यह भावुक पोस्ट अब तक 12 हजार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है. करीब 50 हजार लोग लाइक कर चुके हैं. भले की इस किस्से के सबूत के तौर पर एक मात्र फोटो है, लेकिन इसके पीछे की भावनाएं एक बाप-बेटी के बीच के रिश्ते को और मजबूत करती है.

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