बजाज परिवार के बुजुर्ग राहुल बजाज ने अब अपने रुख में बदलाव करते हुए कहा है कि उनका पुत्र राजीव सही दिशा में कदम उठा रहा है. हालांकि, राजीव द्वारा कंपनी के उत्पादों से बजाज के ब्रांड नाम को हटाने की राजीव की घोषणा से राहुल बजाज काफी खफा थे.
राहलु ने कंपनी की 2009-10 की वाषिर्क रिपोर्ट में राजीव की प्रशंसा के पुल बांधते हुए कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी मिली है कि कंपनी अपने मुनाफे को अधिकतम करने के लिए प्रमुख ब्रांडों का फायदा उठा रही है. राजीव कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं.
राहुल बजाज ने लिखा है कि आपके प्रबंध निदेशक हमेशा कहते हैं कि उत्पादों से बाजार हिस्सेदारी बढ़ती है, वहीं ब्रांड कीमतों के मोर्चे पर मजबूती देने के अलावा उंचा मुनाफा दिलाते हैं. ‘‘मैं अब अधिक से अधिक उनसे सहमत होता जा रहा हूं.’’ ब्रांडिंग के मोर्चे पर पुत्र द्वारा किए जा रहे बदलावों पर राहुल की यह टिप्पणी पूर्व में दिए गए उनके बयान से भिन्न है.
राजीव ने कहा था कि बजाज का नाम मोटरसाइकिलों से ब्रांड के रूप में हटा दिया जाएगा. बजाज के नाम बंट चुका है और इलेक्ट्रिकल्स से लेकर बीमा तथा वाहन क्षेत्र में यह नाम मौजूद है. {mospagebreak}
जूनियर बजाज का कहना था कि बजाज एक तरह से चिड़ियाघर हो गया है. उन्होंने कहा था कि पल्सर, बाक्सर और डिस्कवर मोटरसाइकिलें आज खुद ब्रांड बन चुकी हैं. ऐसे में बजाज नाम एक तरह से गैराज हो गया है. राहुल बजाज ने उस समय भी नाखुशी जताई थी, जब उनके बड़े पुत्र ने पिछले साल स्कूटर उत्पादन बंद करने का फैसला किया था और इसके साथ ही ‘हमारा बजाज’ की गाथा खत्म हो गई थी.
राहुल ने कहा था, ‘‘मुझे खराब लगा, दु:ख हुआ. राजीव ने मुझे इस बारे में समझाने का प्रयास किया है. पर मैं आश्वस्त नहीं हूं.’’ वहीं राजीव ने कहा था कि मैं भावनाओं में समाधान नहीं चाहता हैं. मैं तर्कों के जादू पर भरोसा करता हूं. 2009-10 के दौरान कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन के बारे में राहुल ने कहा कि आपकी कंपनी का प्रदर्शन विभिन्न सौदों के जरिये बाजार हिस्सेदारी खरीदने पर निर्भर नहीं है. बल्कि उसे बेहतर गुणवत्ता तथा ब्रांडिंग के जरिये बाजार हिस्सेदारी हासिल करनी है. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की शुद्ध बिक्री और परिचालन आमदनी 35 प्रतिशत बढ़कर 11,900 करोड़ रुपये हो गई थी. वहीं कंपनी का शुद्ध मुनाफा 160 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था.