भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 37 बरस की उम्र में पांचवां दोहरा शतक जमाने के बाद शुक्रवार को कहा कि उन्होंने साबित कर दिया है कि उम्र का प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है और लोगों को अब इस बारे में बात करना बंद कर देना चाहिए.
तेंदुलकर ने यहां 203 रन की पारी खेलकर श्रीलंका के खिलाफ दूसरा टेस्ट ड्रॉ करवाने में अहम भूमिका निभाई. मैच के बाद ‘मोस्ट स्टाइलिश बैट्समैन’ चुने गये तेंदुलकर ने पुरस्कार वितरण समारोह में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जब तक आप मानसिक तौर पर मजबूत हों और कड़ी मेहनत के लिए तैयार हों, तब तक उम्र मायने नहीं रखती. अगर मैं 37 बरस की उम्र में दोहरा शतक बना सकता हूं, तो मुझे नहीं लगता कि आयु मायने रखती है.’’
टेस्ट मैचों में 48 शतक बना चुके दायें हाथ के इस बल्लेबाज ने भले ही मैच बचाने वाली पारी खेली, लेकिन उन्होंने अपने पहले टेस्ट में शतक जड़ने वाले सुरेश रैना (120) और सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (99) की तारीफ की.{mospagebreak}उन्होंने कहा, ‘‘रैना ने मेरे साथ अहम साझेदारी निभाई और उसका पूरा श्रेय उसे जाता है. सहवाग ने हमें जो शुरुआत दी, वह भी काफी अहम थी.’’ भारत हालांकि मैच ड्रॉ कराने के साथ ही आईसीसी की नंबर एक रैंकिंग भी बचाने में सफल रहा. उन्होंने कहा, ‘‘नंबर एक बने रहना हमारे लिए अहम है. हम एक प्रक्रिया से गुजरकर यहां पहुंचे हैं और उम्मीद करते हैं कि अगले मैच में भी जारी रहेगी और हम जीत दर्ज करेंगे.’’