छह साल के लंबे इंतजार के बाद एयर इंडिया का पहला बोइंग 787 ड्रीमलाइनर एयर इंडिया के पोर्टफोलियो में आ गया. दुनिया के चंद सबसे आलीशान और लग्जरी प्लेनों में शामिल यह प्लेन देश की नामी सरकारी एयरलाइन कंपनी एयरइंडिया का पहला ड्रीमलाइनर है.
एयर इंडिया के कैप्टन सोमन और कैप्टन अमिताभ सिंह ने गुरुवार को इस विमान की पहली डिलिवरी साउथ करोलिना स्थित चार्ल्सटन कारखाने से ले ली है. 256 सीटों वाला यह विमान शुक्रवार को साउथ करोलिना से भारत के लिए उड़ान भरा था.
ड्रीमलाइनर विमान के आने से एयर इंडिया देश की पहली ऐसी एयरलाइंस कंपनी बन गई है, जिसके बेड़े में विश्व का अत्याधुनिक विमान बोइंग 787 ड्रीमलाइनर शामिल है. एयर इंडिया अगले कुछ हफ्तों तक इस विमान का परिचालन दिल्ली और मुंबई के बीच करेगी.
एयर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मार्च 2013 तक बोइंग कुल 16 ड्रीमलाइनर विमानों की डिलिवरी करेगा। इनमें से दो ड्रीमलाइनर विमान अगले कुछ हफ्तों में दिल्ली पहुंच जाएंगे.
भव्य दिखने वाले इस जेट के हर नजारे में विलासिता घुली हुई है. एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर पाने की आखिरी बाधा विधि एवं न्याय मंत्रालय मुआवजा करार को मंजूरी देने के बाद पार हो गई है. यह मुआवजा करार एयर इंडिया को अमेरिकी विमान विनिर्माता से करना है, क्योंकि उसके द्वारा विमानों की आपूर्ति में करीबन चार साल का विलंब किया गया है.
बोइंग का यह ड्रीमलाइनर जेट कई आलीशान खूबियों से लैस है. कंपनी ने अपने इस विमान को अल्युमीनियम के बजाय कॉर्बन कम्पोजिट की मदद से तैयार किया गया है, जिसका वजन कम होता है. इसी के चलते ड्रीमलाइनर आकार में बड़ा होने के बावजूद वजन में हल्का है.
वहीं, इसकी भार वाहन क्षमता अन्य विमानों की तुलना में काफी ज्यादा है. ड्रीमलाइनर में ईंधन की खपत इसी आकार के अन्य विमानों की तुलना में 20 फीसद कम होती है.
बोइंग ने अपने इस जेट में यात्रियों का खास ख्याल रखते हुए ड्रीमलाइनर में कई लग्जरी सुविधाएं दी हैं. इसकी इकोनॉमी क्लास में 238 सीटें हैं. वहीं, बिजनेस क्लास के यात्रियों के लिए इस प्लेन में कुल 18 सीटें दी गईं हैं. एयरइंडिया का यह प्लेन बिना रुके लंबी दूरी तक सफर करने में भी सक्षम है.
एयरलाइन की योजना 2016 तक सभी 27 विमानों की आपूर्ति लेने की है. ड्रीमलाइन की पहली डिलीवरी 2008 में होनी थी और शेष अक्टूबर, 2011 तक पूरी होनी थी, लेकिन विभिन्न कारणों मसलन कलपुर्जों की आपूर्ति तथा श्रम समस्या की वजह से इसमें विलंब हुआ.
ड्रीमलाइनर में ईंधन की खपत इसी आकार के अन्य विमानों की तुलना में 20 फीसद कम होती है. इसकी वजह यह है कि ड्रीमलाइन वजन में हल्का होता है. इसके विनिर्माण में अल्युमीनियम के बजाय कॉर्बन कम्पोजिट का इस्तेमाल किया गया है.
सूत्रों ने बताया कि लंबे अंतरराष्ट्रीय मार्ग पर उतारने से पहले इस विमान का इस्तेमाल दो माह तक घरेलू उड़ानों में किया जाएगा. पायलटों को इस विमान को उड़ानें का प्रशिक्षण पहले ही दिया जा चुका है. घरेलू मार्गों पर उड़ान से पायलटों को और अनुभव मिल सकेगा.
एयर इंडिया दूसरी एयरलाइन कंपनी है जिसने 27 बी-787 विमानों का आर्डर दिया है. जापान की दो एयरलाइंस ऑल निप्पन एयरवेज तथा जापान एयरलाइंस तथा इथियोपियन एयरलाइंस ने इन विमानों का उड़ान में इस्तेमाल पहले ही शुरू कर दिया है.