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‘बहुत करीब से देखा है सुपरस्टार राजेश खन्ना को’

अक्षय कुमार ने एक मराठी पत्रिका को अपने और राजेश खन्ना के  विषय में विस्तार से बताया. अक्षय ने कहा, ‘बचपन से मैंने जिस शक्स को सिर्फ टीवी पर देखा था, उससे कभी मेरा नाता जुड़ेगा, उससे मेरा कभी इतना करीबी रिश्ता होगा, ये मैंने कभी सोचा भी नहीं था.’

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अक्षय कुमार
अक्षय कुमार

अक्षय कुमार ने एक मराठी पत्रिका को अपने और राजेश खन्ना के विषय में विस्तार से बताया. अक्षय ने कहा, ‘बचपन से मैंने जिस शक्स को सिर्फ टीवी पर देखा था, उससे कभी मेरा नाता जुड़ेगा, उससे मेरा कभी इतना करीबी रिश्ता होगा, ये मैंने कभी सोचा भी नहीं था.’

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राजेश खन्ना, जिस नाम की चर्चा आज हर कोई कर रहा है, फिल्म इंडस्ट्री का पहला सुपरस्टार और मेरे ससुर, इनसे ऐसा नाता कभी बन पाएगा ये मैंने कभी सोचा नहीं था.

ट्विंकल से शादी होने से पहले मैंने राजेश खन्ना के बारे में बस सुना था, हालांकि मेरी पीढ़ी के स्टार्स को राजेश खन्ना के बारे में जितनी जानकारी होनी चाहिए उतनी मुझे थी, लेकिन हमारी शादी होने के बाद ही मैं एक सुपर स्टार को सही मायने में करीब से देख पाया.

शादी के बाद ही उनके बारे में छोटी बड़ी बातें मैं समझ सका. उनकी आदतें, उनके दोष, उनका मूडी मिजाज़, अपनी बेटियों के प्रति उनका पलगाव ये सारी चीज़ें मैंने बड़े करीब से देखा है. मुझे लगता है कि तन्हाई और सुपरस्टारडम इनका आपस में बड़ा करीबी रिश्ता है. मुझे आज भी याद है डिंपल जी हमेशा उन्हें खन्ना बुलाया करती थीं. पिछले कुछ महीनों से मैं लगातार आशीर्वाद बंगले पर आया जाया करता था.

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इसकी वजह से खन्ना सुन्ने की मुझे आदत सी हो गई थी. उनके आखिरी समय में डिंपल जी हमेशा उनके साथ थीं. उनकी बातचीत का मैं एक गवाह हूं. वो राजेश खन्ना को हमेशा खन्ना आप ये करो, ये मत करो कहती रहती थीं. ट्विंकल भी उनसे मिलने के लिए कई बार आया करती थीं. उनसे मिलने पर वो हमेशा कहते थे, कि अब इस बार मुझे पोती चाहिए. ट्विंकल और रिंकी से उनका रिश्ता एक पिता से भी अलग था.

ट्विंकल के लिए पिता का मतलब हमराज़ तो आरव के लिए वो एक फिल्मी बातों के विकिपीडिया थे. आज भी आरव को अगर उस ज़माने की फिल्मों के बारे में सारी चीज़ें पता है तो वो केवल उसके नाना की वजह से.

आरव के साथ शेयर की हुई कई चीज़ों के बारे में ट्विंकल को भी जानाकारी नहीं होती थी. एक नाना और पोते का रिश्ता थोड़ा अलग ही था. उन दोनों की बातचीत में कई पुरानी बातें भी शामिल थीं.

नाना और नानी के बीच क्या रिश्ता है ये भी पूछा जाता था. एक सुपरस्टार का अकेलापन क्या होता है ये आरव को नज़र आता था मगर ये समझने की उसकी अभी उम्र नहीं थी, इसलिए हमने उनके साथ रिश्तों में जो उतार चढ़ाव हुए हैं उसके बारे में आरव को नहीं बताया. रिश्तों में पेंचीदगियां में आने पर उनके बारे में ज्यादा चर्चा नहीं करते ऐसा खन्नाजी का मानना था इसी वजह से कुछ विषयों पर उनसे कैसे बातचीत करें यह सवाल मेरे मन में सदैव पैदा होता था. इस शख्स को अंदर से कोई कचोट है ये मुझे भी महसूस हुआ था इसीलिए किसी न किसी कारण से कभी किसी त्यौहार पर, कभी बर्थडे पर आशीर्वाद पर सबको इकट्ठा करना पार्टी करना ये मैंने शुरू किया. मुझे और भी बहुत कुछ करना था लेकिन अब खेल आधे पर ही खत्म हो चुका है.

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खन्नाजी बीमार थे तब भी बहुत अलर्ट थे, मेरी नई रिलीज़ हुई फिल्म ट्विंकल की तबीयत उसके बारे में वो हमेशा पूछताछ करते रहते थे. जब मैं और डिंपल जी जब एक ही सेट पर होते हैं तो डिंपल जी मेरे साथ कैसा बर्ताव करती हैं ये सवाल भी वो (खन्नाजी) उनसे हमेशा किया करते थे.

मुझसे बहुत बातचीत करते थे और बातचीत करते वक्त पुरानी बातों मे खो जाते थे. बातचीत का विषय कुछ भी हो लेकिन बातचीत हमेशा उनकी लाडली बेटियों पर आकर ही खत्म होती थीं. एक बार ऐसे ही बातचीत करते वक्त ट्विंकल नाम कैसे रखा इसकी पूरी कहानी उन्होंने बताई, उन्होंने कहा कि उन्हें खुद को स्टार कहलवाना बहुत अच्छा लगता है. लोग मुझपर पागलों की तरह प्यार लुटाते थे इसीलिए मैं अपने आप पर हमेशा फिदा रहता था. मुझे हमेशा एक सितारे की तरह चमकना यानी ट्विंकल होना अच्छा लगता है. ये चमकना मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी और इसी की वजह से ट्विंकल ये शब्द मेरे साथ हमेशा जुड़ा हुआ होना चाहिए ऐसा मुझे लगा. इसी वजह से मैंने अपनी पहली बेटी का नाम ट्विंकल रखा.

अपने आखिरी दिनों में वो बहुत बातें करते थे. बोलने की वजह से वो थक जाते थे इसलिए डिंपल जी हमेशा उन्हें शांत रहने को कहती थी लेकिन फिर भी वो अपने हाव भाव से बोलते रहते थे. अपनी आखिरी एड फिल्म के बारे में उन्होंने बहुत बात की थी. आर बालकी को किस तरह से शॉट लेने को कहा इससे लेकर पैकअप होने तक हर चीज़ के बारे में उन्होंने जी भर बातें की. उनका यह उत्साह हमेशा मुझे अचंभित करता था.

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मृत्यु नज़रों के सामने होकर भी उन्हें डर कैसे नहीं लगता, ये सवाल मेरे जेहन में हमेशा रहता. पिछले महीने उनका देहांत हो गया ऐसी अफवाहें फैलीं तब वो खुद गैलरी में आए, उनके साथ डिंपल थी और हम दोनों थे. फैन्स को सिर्फ हाथ दिखाइए ऐसे उनको हमने कहा था तो उन्होंने गैलरी में आकर वी फॉर विक्टरी का इशारा किया. डिंपल जी की आंखों में तब आंसू आ गए.

जिंदगी के आखिरी मुकाम पर किसी भी व्यक्ति को देखना काफी तकलीफ भरा होता है, लेकिन खन्नाजी के बारे में ये बात सही नहीं थी. सामने दिखने वाले मौत का उन्होंने स्वागत ही किया. उनकी और मेरी पहली मुलाकात से लेकर आखिरी मुलाकात तक हर बात मुझे याद है. मेरी आंखों के सामने हैं. मुझे केवल एक ससुर का ही नहीं एक सुपर स्टार का रिश्ता भी नसीब हुआ है. उनकी वजह से मैंने कई चीज़ें सीखी हैं. एक पर्दे के पीछे का सुपरस्टार देखते समय मुझे कई चीज़ें नए सिरे से सीखने को मिलीं. मेरे जीवन में इनका बहुत बड़ा योगदान है.

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