महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने जूते की मरम्मत करने वाले शख्स को भारतीय प्रबंधन संस्थानों (IIM) में पढ़ाने का मौका देने की बात कही है. उनके ऐसा कहने की खास वजह है.
महिंद्रा को लगता है कि यह शख्स प्रबंधन के छात्रों को मार्केटिंग का चैप्टर अच्छे से पढ़ा सकता है. उन्होंने इस आदमी की तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है.
यह तस्वीर सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से वायरल हो रही है. आनंद महिंद्रा सोशल ने इसे मजेदार कैप्शन के साथ शेयर किया है. सोशल मीडिया पर वह अपने इसी अंदाज के लिए जाने जाते हैं. आपको बता दें कि महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा के पास करीब 10 हजार करोड़ की संपत्ति है. उन्हें फॉर्च्यून मैगजीन ने दुनिया के 50 बेहतर नेतृत्वकर्ताओं की लिस्ट में शामिल किया था. 2013 में फोर्ब्स इंडिया ने उन्हें आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर चुना था.
आनंद की शेयर की गई इस तस्वीर में जूतों की मरम्मत करने वाला शख्स दिखाई दे रहा है. उनके पीछे एक पोस्टर लगा हुआ है. इसमें लिखा है- जख्मी जूतों का हस्पताल और इस शख्स का नाम लिखा है- डॉ. नरसीराम. अस्पतालों की तरह इसमें काम करने का समय भी अस्पताल के ढंग में ही लिखा है- ओपीडी सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक रहेगी. लंच का समय- दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक. लंच के बाद अस्पताल शाम 2 बजे से 6 बजे तक फिर से खुलेगा. इसके साथ ही यह भी लिखा है- हमारे यहां सभी किस्म के जूतों का इलाज जर्मन तकनीक से किया जाता है.This man should be teaching marketing at the Indian Institute of Management... pic.twitter.com/N70F0ZAnLP
— anand mahindra (@anandmahindra) April 17, 2018
आनंद महिंद्रा के इस ट्वीट को सोशल मीडिया पर मजेदार प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही हैं. एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि इस पोस्टर ने अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन की कहानी की याद दिला दी. वह नासा में काम करने वाले एक ड्राइवर की कहानी सुनाते थे. जब कोई उससे पूछता कि वह क्या करता है तो वह बड़े मजेदार अंदाज में बताता कि लोगों को जमीन से चांद पर भेजने में मदद करता है.
एक और ट्विटर यूजर ने लिखा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या काम करते हैं. अगर आप अपने काम को हंसते हुए और लगन के साथ करते हैं तो नतीजा भी बेहतर आता है. ऐसा नहीं भी हुआ तो भी आपको अपने काम में मजा आने लगता है.This reminds me of U.S. President Lyndon Johnson who loved to tell a story about asking a truck driver who worked at NASA in the 1960s what his job was. The driver’s response: “I’m helping to put a man on the moon.”thanks for sharing this
— Awal (@RikkAwal) April 17, 2018
This goes to show that no matter what you do.. If done with passion and a smile, results will probably follow! Even if they don't.. You had fun doing it!
— Ricky Bindra (@_RickyBindra) April 17, 2018
इस आदमी के अपने काम के प्रचार का तरीका कैसा लगा, आप भी कॉमेंट सेक्शन में अपनी राय दे सकते हैं.