
अंटार्कटिका की बर्फीली चादरों के बीच एक ऐसा पहाड़ छिपा है, जो देखने में बिल्कुल प्राचीन मिस्री पिरामिड जैसा लगता है. इसे लेकर कई हैरान करने वाली थ्योरीज सामने आई हैं, जिनमें से एक दावा करती है कि इस पिरामिडनुमा पहाड़ का निर्माण एलियंस ने किया है. आइए जानते हैं वैज्ञानिक इन दावों पर क्या कहते हैं और यह पहाड़ पिरामिड जैसा क्यों दिखता है?
अंटार्कटिका, जहां की बर्फ से ढकी चोटियां और गहरी खामोशी हमेशा से रहस्यमय रही हैं. वहां एक ऐसा पहाड़ मौजूद है जिसे देखकर हर कोई हैरान रह जाता है. बर्फ की मोटी चादरों में छिपा यह पहाड़ बिल्कुल प्राचीन मिस्री पिरामिड जैसा नजर आता है.
एलियंस से जुड़े दावे
यह पहाड़ पहली बार 2016 में तब चर्चा में आया जब इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं. शार्प और सटीक पिरामिड जैसा आकार देखकर लोगों ने इसे एलियंस की कारीगरी बताया. कई लोगों का दावा था कि यह किसी प्राचीन सभ्यता का काम है, जो कभी यहां बसी होगी.
कहां है यह 'पिरामिड' जैसा पहाड़?
रिपोर्ट के मुताबिक ये पहाड़ एल्सवर्थ पर्वत श्रृंखला में स्थित है, जिसकी ऊंचाई लगभग 4,150 फीट है. इसे पहली बार 1935 में अमेरिकी एविएटर लिंकन एल्सवर्थ ने देखा था. यह पहाड़ 'पैट्रियट हिल्स' के पास है, जहां अक्सर जलवायु वैज्ञानिक अपने शोध कार्य करते हैं.
2016 में इसकी तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हुईं और इसे एलियंस या प्राचीन सभ्यता का अवशेष बताया जाने लगा. लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पहाड़ पूरी तरह प्राकृतिक है.
कैसे बना यह पहाड़ पिरामिड जैसा?
वैज्ञानिकों के अनुसार, इस पहाड़ की अनोखी आकृति का कारण है 'फ्रीज-थॉ इरोजन'.इस प्रक्रिया में दिन के समय बर्फ पिघलती है और रात में वह पानी चट्टानों के दरारों में जमकर फैलता है. वक्त के साथ, यह प्रक्रिया चट्टानों को तोड़ती है और उनका आकार बदल देती है.
लाखों सालों तक चलने वाली इस प्रक्रिया ने इस पहाड़ को 'पिरामिड' जैसा आकार दे दिया. विशेषज्ञों के मुताबिक, इस पहाड़ की तीन तरफ की चट्टानें समान रूप से घिस गईं, जबकि चौथी तरफ यानी पूर्वी रिज ने अलग आकार लिया.
एलियंस की थ्योरीज का सच क्या है?
'पिरामिड' जैसी आकृति होने के कारण कई लोगों ने इसे प्राचीन मिस्री सभ्यता या एलियंस के निर्माण से जोड़ दिया. लेकिन वैज्ञानिक इन दावों को खारिज करते हैं. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एरिक रिग्नॉट कहते हैं, पिरामिड जैसे आकार वाले पहाड़ असामान्य नहीं हैं. कई पर्वत श्रृंखलाओं में ऐसे शिखर देखने को मिलते हैं.
प्रकृति का अद्भुत चमत्कार
इस पहाड़ के आसपास 500 मिलियन साल पुराने जीवाश्म भी मिले हैं, जो इसे और ज्यादा खास बनाते हैं. वैज्ञानिक इसे पृथ्वी की भूगर्भीय ताकतों और प्राकृतिक प्रक्रियाओं का शानदार उदाहरण मानते हैं.