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कप हवा में छोड़ना, कभी गिर पड़ना! स्पेस से लौटकर क्या सुनीता विलियम्स भी करेंगी ऐसी गलतियां?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Black Hole ने X पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें दिखाया गया है कि अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटने के बाद भी माइक्रोग्रेविटी की आदतें नहीं छोड़ पाते.

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सुनीता विलियम्स ने स्पेस स्टेशन पर इन 9 महीनों में कई सारे साइंटिफिक प्रयोग किए. (फोटोः Reuters)
सुनीता विलियम्स ने स्पेस स्टेशन पर इन 9 महीनों में कई सारे साइंटिफिक प्रयोग किए. (फोटोः Reuters)

लंबे वक्त तक ISS में रहने के बाद, क्या सुनीता विलियम्स पृथ्वी पर लौटकर स्पेस का माहौल भूल पाएंगी, या फिर वही पैटर्न अपनाएंगी जो वह ISS पर बिना गुरुत्वाकर्षण के काम करने के दौरान अपनाती थीं? हाल ही में, अंतरिक्ष यात्रियों की ऐसी आदतों से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है.

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धरती पर वापस आने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों (एस्ट्रोनॉट्स) को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के बाद उनका शरीर माइक्रोग्रैविटी (सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण) के अनुकूल हो जाता है. जब वे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में लौटते हैं, तो उनके शरीर और दिमाग को फिर से ढलने में समय लगता है. इस दौरान वे कुछ 'गलतिया' या असामान्य व्यवहार कर सकते हैं, जो वास्तव में उनके शरीर की प्रतिक्रिया होती है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Black Hole ने X पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें दिखाया गया है कि अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटने के बाद भी माइक्रोग्रेविटी की आदतें नहीं छोड़ पाते.

वीडियो में एक एस्ट्रोनॉट को स्पीच देते वक्त अचानक गिरते हुए दिखाया गया, क्योंकि उसने अनजाने में अपने पैरों का भार छोड़ दिया. बिल्कुल उसी तरह जैसे वह स्पेस में करता था. इसी तरह, एक अन्य एस्ट्रोनॉट बात करते-करते अपने हाथ में पकड़ा कप छोड़ देता है, मानो वह अभी भी भारहीनता में हो, जहां चीजें हवा में तैरती रहती हैं.

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देखें वीडियो

 

Medium News ने कई अंतरिक्ष यात्रियों से बात की और उनकी कुछ अनोखी आदतों के बारे में जाना, जो वे धरती पर लौटने के बाद भी नहीं छोड़ पाते. आइए जानते हैं कुछ दिलचस्प बातें—

चीजें गिराना: अंतरिक्ष में हर चीज हवा में तैरती है, इसलिए वहां रहने वाले एस्ट्रोनॉट चीजों को हाथ से छोड़ने की आदत डाल लेते हैं. धरती पर लौटने के बाद वे अनजाने में कप, पेन या अन्य चीजें छोड़ देते हैं, यह भूलकर कि यहां ग्रेविटी उन्हें नीचे गिरा देगी.

संतुलन खो देना: माइक्रोग्रेविटी में लंबे समय तक रहने से शरीर का संतुलन बनाए रखने वाला तंत्र (वेस्टिबुलर सिस्टम) प्रभावित होता है. जब वे वापस धरती पर आते हैं, तो चलने में दिक्कत होती है और वे ठोकर खा सकते हैं या गिर सकते हैं.

वजन का गलत अनुमान लगाना: अंतरिक्ष में हर चीज़ वजनहीन लगती है, जिससे एस्ट्रोनॉट्स का चीजों को उठाने का तरीका बदल जाता है. जब वे वापस आते हैं, तो या तो जरूरत से ज्यादा ताकत लगा देते हैं या बहुत कम.

अजीब खाने-पीने की आदतें: स्पेस में खाने-पीने की चीजें तैरती रहती हैं, इसलिए वहां विशेष तकनीक से खाना पड़ता है. लौटने के बाद एस्ट्रोनॉट्स कभी-कभी पानी या खाना हवा में छोड़ देते हैं, यह भूलकर कि यह नीचे गिर जाएगा.

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थकान और भूलने की आदत: धरती पर लौटने के बाद शरीर को सामान्य होने में समय लगता है, जिससे अंतरिक्ष यात्री अक्सर थके हुए या भ्रमित महसूस करते हैं. इस कारण वे छोटी-मोटी चीजें भूल सकते हैं या गलत जगह रख सकते हैं.

ये 'गलतियां' दरअसल उनकी असली गलती नहीं होतीं, बल्कि यह स्पेस के असामान्य माहौल से धरती के सामान्य वातावरण में वापस लौटने की प्रक्रिया का हिस्सा होती हैं. वैज्ञानिक और डॉक्टर इस बदलाव में उनकी मदद के लिए विशेष ट्रेनिंग और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम चलाते हैं ताकि वे जल्दी सामान्य जीवन में लौट सकें.

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