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'Sorry गलती से आपका Divorce हो गया...', कपल परेशान, जज ने फैसला बदलने से किया इनकार

लंदन से एक ऐसा मामला सामने आया है कि कोई भी हैरान रह जाए. यहां कोर्ट ने एक वकील की गलती के चलते एक कपल का तलाक करा दिया. इतना ही नहीं बल्कि जज ने तो फैसला वापस लेने से भी इनकार कर दिया.

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सांकेतिक तस्वीर (Pexels/pixabay)
सांकेतिक तस्वीर (Pexels/pixabay)

देश और दुनिया में शादी शुदा जोड़ों के लिए तलाक की प्रक्रिया अलग- अलग है. कई ऐसे देश हैं जहां आसानी से तलाक मिल जाते हैं तो भारत समेत कई ऐसे देश भी हैं जहां तलाक के लिए सालों लग जाते हैं. लेकिन हाल में लंदन से एक ऐसा मामला सामने आया है कि कोई भी हैरान रह जाए. दरअसल, यहां कोर्ट ने एक कपल का गलती से तलाक करा दिया. सुनने में ही अजीब लगता है कि भला किसी का गलती से कैसे तलाक हो सकता है? यहां हम आपको सारा मामला बता रहे हैं.

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जज ने फैसला वापस लेने से किया इनकार

दरअसल, आयशा वरदाग की लंदन बेस्ड लॉ फर्म Vardags के सॉलिसिटर की एक गलती के चलते ये सब हो गया. नतीजा ये हुआ कि जज ने फैसला वापस लेने से इनकार कर दिया. 

मिस्टर एंड मिसेज विलियम्स कहे जाने वाले इस जोड़े की शादी को 2023 तक 21 साल हो चुके थे लेकिन अदालत ने अब उनका तलाक करा दिया है. यूं तो इस कपल को तलाक लेना ही था लेकिन वे अभी भी अपने सेपरेशन के लिए फाइनेंशियल एग्रीमेंट्स की व्यवस्था करने की प्रक्रिया में थे. इसी बीच किसी और कपल के तलाक के फाइनल ऑर्डर के दौरान वरदाग के क्लर्क ने कंप्यूटर पर ड्रॉप डाउन मेन्यु से मिस्टर एंड मिसेज विलियम्स का नाम सलेक्ट कर दिया.

21 मिनट में टूट 21 साल की शादी

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ऐसे में 21 मिनट में दोनों का तलाक हो गया. वहीं जज को जब इस गलती के बारे में बताया गया तो उसने फैसला बदलने से इंकार कर दिया और कहा कि कोर्ट के फैसले पर जनता का विश्वास ज्यादा जरूरी है.

कोर्ट में फैमली डिवीजन के अध्यक्ष सर एंड्रयू मैकफर्लेन ने कहा, फाइनल डिवोर्स ऑर्डर से मिलने वाली निश्चितता और अंतिमता का सम्मान करने और इसके द्वारा स्थापित यथास्थिति को बनाए रखने में ये एकस्ट्रांग पब्लिक पॉलिसी इंटरेस्ट है.

जज ने कहा-  ऐसी गलती हो कैसे सकती है?

दूसरी ओर, वरदाग के प्रतिनिधि ने बताया कि फर्म के एक वकील ने एक जोड़े के लिए फाइनल डिवोर्स के लिए आवेदन करते हुए ऑनलाइन पोर्टल पर गलती कर दी और उस कपल का तलाक हो गया तलाक के लिए तैयार नहीं था.

वरदाग को अपनी इस गलती का पूरे दो दिन बाद एहसास हुआ, लेकिन जब उन्होंने हाई कोर्ट से फाइनल डिवोर्स के आदेश को रद्द करने के लिए कहा, तो इस रिजेक्ट कर दिया गया. फर्म ने जोर देकर कहा कि उसके कर्मचारी ने गलती से गलत कपल के नाम पर क्लिक कर दिया था,लेकिन जज ने कहा कि किसी को अंतिम आदेश देने के लिए पोर्टल पर कई स्क्रीन से गुजरना पड़ता है तो ऐसी गलती कैसे हो सकती है.

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आयशा वरदाग ने कोर्ट के फैसले को बताया खराब

आयशा वरदाग ने कोर्ट के फैसले को खराब बताया. वरदाग ने कहा, 'राज्य को कंप्यूटर से जुड़ी गलती के आधार पर लोगों को तलाक नहीं देना चाहिए. जब किसी गलती को अदालत के ध्यान में लाया गया तो अदालत को समझना चाहिए था. इसका मतलब है कि, अभी के लिए हमारा कानून कहता है कि ऑनलाइन सिस्टम पर की गई गलती से आपका तलाक हो सकता है, यह सही नहीं है और ये न्याय नहीं है.'

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