वर्ष 1947 में महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई एक डायरी को जल्द ही यहां राष्ट्रीय अभिलेखागार में आम लोगों के लिए प्रदर्शित किया जाएगा.
गांधी राष्ट्रीय संग्रहालय की पूर्व निदेशक वर्षा दास द्वारा संग्रहालय को सौंपे गए बापू के पत्रों के संग्रह तथा दस्तावेजों में यह डायरी भी शामिल है, जो गुजराती भाषा में बापू की हस्तलिपि में है. भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के सहायक निदेशक राजेश वर्मा ने बताया कि हमने वर्षा दास से 10 दिन पहले अन्य दस्तावेजों के संग्रह के साथ गांधी की यह डायरी भी प्राप्त की थी.
वर्षा की बचपन की दोस्त मीना जैन ने उन्हें गांधी की डायरी तथा अन्य दस्तावेज सौंपे थे जिनमें महात्मा गांधी की भतीजी मनू बेन द्वारा लिखी गई कई डायरियां और पत्र भी शामिल हैं.
दास ने बताया कि मैंने जुलाई के प्रथम सप्ताह में यह संग्रह अभिलेखागार को सौंपा था क्योंकि हम संग्रहालय में मूल डायरी और दस्तावेजों का प्रदर्शन नहीं कर सकते थे. साथ ही अभिलेखागार में तापामान को नियंत्रण में रखने की सुविधा है, जो डायरी के संरक्षण के लिये उपयुक्त है, जिसके पन्ने बेहद जर्जर हालत में हैं.