अंतरिक्ष में करीब एक साल बिताने के बाद सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर की धरती वापसी की सारी अड़चनें अब दूर होती दिख रही हैं. सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने 5 जून 2024 को परीक्षण यान स्टारलाइनर से आईएसएस (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) के लिए उड़ान भरी थी. वहां आठ दिन बिताने के बाद उनकी वापसी होनी थी, लेकिन यान में खराबी के कारण यह टल गई. करीब एक साल से वे अंतरिक्ष में फंसे हुए थे, लेकिन अब उनकी धरती पर वापसी की सभी अड़चवें दूर होती नजर आ रही हैं.
ऐसे में लोगों की दिलचस्पी इस बात में है कि इस समय स्पेस में क्या माहौल होगा और क्या तैयारियां चल रही होंगी. नासा ने इससे जुड़ा एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें आईएसएस में एस्ट्रोनॉट्स को सामान पैक करते, उपकरण इकट्ठा करते और वापसी की तैयारियां करते देखा जा सकता है.
वीडियो देखकर लोग कह रहे हैं कि यह नजारा बिल्कुल वैसा ही है, जैसे धरती पर घर शिफ्ट करने से पहले की हलचल होती है.
देखें NASA का जारी किया गया वीडियो
नासा ने इस पोस्ट में बताया कि निक हेग, सुनीता विलियम्स, बुच विलमोर और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुनोव अपनी वापसी के लिए तैयारी कर रहे हैं. आईएसएस छोड़ने से पहले एस्ट्रोनॉट्स अपने सामान की पैकिंग और हैच बंद करने की प्रक्रिया में जुटे हैं.
कैसे हो रही है पैकिंग?
अंतरिक्ष में रहना जितना रोमांचक होता है, वहां से वापस लौटना उतना ही जटिल और तैयारी भरा काम होता है.एस्ट्रोनॉट्स को अपना गियर, प्रयोगों के नमूने और जरूरी उपकरण सावधानीपूर्वक पैक करने होते हैं, ताकि वापसी के दौरान कुछ भी खराब न हो.
भारतीय समय के मुताबिक, 18 मार्च सुबह 10:35 बजे स्पेसएक्स का यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अनडॉक किया जाएगा. इसके बाद चरणबद्ध तरीके से सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की धरती पर वापसी होगी.
क्या है पूरा टाइमटेबल?
18 मार्च सुबह 08:15 बजे – हैच क्लोज (यान का ढक्कन बंद किया जाएगा)
18 मार्च सुबह 10:35 बजे – अनडॉकिंग (आईएसएस से यान का अलग होना)
19 मार्च सुबह 02:41 बजे – डीऑर्बिट बर्न (वायुमंडल में यान का प्रवेश)
19 मार्च सुबह 03:27 बजे – स्प्लैशडाउन (समुद्र में यान की लैंडिंग)
19 मार्च सुबह 05:00 बजे – प्रेस कॉन्फ्रेंस (वापसी को लेकर NASA का आधिकारिक बयान)
स्पेस से लौटने के बाद क्या होंगे प्रभाव?
अंतरिक्ष से लौटने के बाद सुनीता विलियम्स को नॉर्मल लाइफ में आने में कई महीने लग सकते हैं. NASA के मुताबिक, उनके शरीर में हड्डियों की घनत्व में कमी, मांसपेशियों की कमजोरी और संतुलन से जुड़ी दिक्कतें आ सकती हैं.